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उझानी में पुलिस के थप्पड़ व कार्रवाई के डर से युवक ने फंदे पर लटक कर दी जान

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उझानी,(बदायूं)। कोतवाली क्षेत्र के गांव गठौना में शराब के आदी एक युवक ने बीती रात पत्नी से हुए विवाद के बाद उसके घर पहुंची पुलिस ने युवक को डांट डपट दिया और थप्पड़ मार दिए। रविवार की सुबह पुलिस के बुलावे पर पत्नी कोतवाली आने को घर से निकली तभी युवक ने पुलिस की कार्रवाई के डर से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। युवक द्वारा आत्महत्या करने की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को अपने कब्जें में लेने के बाद पीएम को भेज दिया है।

गांव गठौना निवासी तीस वर्षीय लेखराज पुत्र नन्हें जाटव हरियाणा के फरीदाबाद में रह कर पिलम्बर का काम करता है। लेखराज कामकाज के दौरान अपने घर आता-जाता रहता है। मृतक की पत्नी कुसुम ने बताया कि बीती रात उसके पति लेखराज ने जमकर शराब पी और घर में उत्पात मचाना शुरू कर दिया। कुसुम का कहना है कि जब उसने अपने पति को रोकना चाहा तो वह उसे व उसके बच्चों के साथ मारपीट करने लगा और जब उसका पति देर रात तक मारता रहा तब उसने परेशान होकर पुलिस के लिए 112 नम्बर पर डायल कर दिया। मृतक की पत्नी कुसुम के मुताबिक रात लगभग दो बजे पहुंची पुलिस ने उसके पति को शराब के नशे में देख कर उसे समझाने के लिए उसके एक-दो थप्पड़ मार दिए और उसे सुबह कोतवाली आने की बात कह कर पुलिस वापस लौट गई। कुसुम ने बताया कि रविवार की सुबह जब वह पुलिस के कहने पर घर से कोतवाली गई लेकिन वहां उसने पुलिस से कोई शिकायत नही की और घर लौट आई तब आकर देखा कि उसके पति का शव पड़ा हुआ है जिसे देख कर उसके होश उड़ गए।

कुसुम ने बताया कि परिजनों का कहना है कि उसके पति ने उसके कोतवाली जाने के बाद फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। बताते है कि लेखराज के आत्महत्या करने की सूचना किसी ने पुलिस को दे दी जिस पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और जानकारी करने के बाद शव को अपने कब्जें में लेकर उसका पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया है। कुसुम ने बताया कि उसका पति शराब पीने का आदि है और जब भी काम से वापस अपने घर लौटता है तब उसके साथ मारपीट तो करता है साथ ही घरेलू सामान को भी नष्ट कर देता है। उसने बताया कि उसके पति ने पिछले महीने घर आकर मुख्य दरवाजे की किबाड़े शराब के नशे में तोड़ दी थी जिसे वह आज तक सही नही करा सकी है।

तीन मासूम बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
लेखराज के आत्महत्या करने के बाद उसके तीन मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है। पिता की मौत के बाद बच्चें यह भी समझ नही पा रहे है कि उनके पिता की मौत हो चुकी है। लेखराज के दो लड़कियां आठ वर्षीय शीतल, तीन वर्षीय मानवी और दो साल का बेटा जतिन है। लेखराज की मौत के बाद बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी अब उसकी पत्नी कुसुम पर आ गई है। लेखराज के परिवार के अधिकतर सदस्य काम-धंधे के लिए अपने गांव से बाहर दूसरे प्रदेशों में रहते हैं।

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