उझानी(बदायूं)। विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री आचार्य राधा कृष्ण मनौड़ी ने कहा हैं कि गीता का अध्य्यन प्रत्येक भारतवासी को करना चाहिए क्योंकि गीता भारत की आध्यत्मिक ही नही वरन् वास्तविक आत्मा स्वरूप है। उन्होंने कहा कि गीता को पढ़ने वाला व्यक्ति देश, समाज और अपने परिवार की सच्ची सेवा कर सकता है। मनौड़ी ने कहा कि सनातन धर्म और भारत के खिलाफ कुचक्र रचने वालो को जबाब देने के लिए अब हिन्दू जाग्रत होने लगा है।
विहिप के केन्द्रीय मंत्री मनौड़ी ने उझानी में पत्रकार वार्ता में कहा कि आज के समय में गीता को पढ़ना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि गीता को प्रत्येक भारत के नागरिक चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान, सिख, इसाई को पढ़ना चाहिए ताकि वह देेश, समाज और परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देश की सच्ची सेवा कर सके। उन्होंने कहा कि गीता को आज कई विश्व विद्यालयों में पढ़ाया जा रहा है जिससे विभिन्न समाजों में जागरूकता का भाव पनपने लगा है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को भी गीता का पाठ करना चाहिए और उसके सार से बच्चों को बोध कराना चाहिए।
मनौड़ी ने कहा कि भारत देश में राजनैतिक महत्वकाक्षांओं के लिए नेताओं ने सनातन धर्म और हिन्दूओं के प्रति जहर घोलने का काम किया जिससे हिन्दू बंटने लगा लेकिन विश्व गीता संस्थान की घर-घर गीता-हर घर गीता की पहल ने देश ही नही वरन् विश्व के कई देशों में नागरिकों को उनके कर्तव्यों का बोध कराया और उसका ही परिणाम है कि आज गीता के कारण सनातन धर्म के प्रति जागरूकता देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग और नेता सनातन धर्म को मिटाने की बात करते हैं लेकिन वह यह भूल गए कि सनातन धर्म अजर अमर है वह उसे क्या मिटा पाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को भी गीता पढ़नी चाहिए तभी उनकी संकुचित मानसिकता का विकास हो सकता है। इस दौरान चिकित्सक राजीव माहेश्वरी, कवियत्री तुषा शर्मा, दंत चिकित्सक डा. ब्रजेन्द्र वार्ष्णेय, कमलेश वार्ष्णेय, किशन शर्मा, राकेश कुमार, मोहित प्रभाकर आदि मौजूद रहे।