बदायूं। एस एस पी कार्यालय परिसर में खुद को आग लगाने वाले गुलफाम की 12 दिन की दवा में इलाज के दौरान मौत हो गई। गुलफाम ने अपने ससुरालियों समेत सदर कोतवाल, सीओ सिटी, सदर विधायक महेश गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाएं और आत्मदाह को जिम्मेदार ठहराया था।
खुद को आगके हवाले करने वाले शहर के मौहल्ला नई सराय निवासी गुलफाम का इलाज राम मूर्ति मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में चल रहा था और रविवार की सुबह उसके इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। गुलफाम की मौत की खबर जब उसके परिजनों को मिली तब वह चीत्कार कर उठे। अस्पताल में गुलफाम की मौत की सूचना पर अस्पताल पहुंची बरेली पुलिस ने उसका शव अपने कब्जें में लेकर पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया। जब उसका शव बदायूं पहुंचा तब उसे देखने के लिए भारी संख्या में नागरिक एकत्र हो गए।
यहां बताते चले कि ई-रिक्शा चला कर गुजरा करने वाले का गुलफाम का अपनी पत्नी व ससुरालियों से विवाद चला रहा था। गुलफाम ने पिछले साल 30 दिसंबर को अपने ससुरालियों पर ई- रिक्शा और मोबाइल लूट का आरोप लगाया था, लेकिन गुलफाम की तहरीर पर कार्रवाई के बजाय पुलिस ने उसके ससुरालियों से हमसाज होकर उल्टा उसके खिलाफ कार्रवाई की थी। गुलफाम का आरोप है कि सी ओ सिटी संजीव कुमार ने भी उसकी न सुनी और उसे डोडा में जेल भेजने की धमकी दे रहे थे, सदर विधायक महेश गुप्ता ने भी उसके खिलाफ कार्रवाई को पुलिस पर दबाब बनाया जिससे परेशान होकर उसने एसएसपी कार्यालय में एक जनवरी को आग लगा ली। अधिकारियों ने उसका इलाज जिला अस्पताल में कराया गया जहां से बरेली हायर सेंटर भेज दिया और12 वें दिन रविवार को उसकी मौत हो गई।