जनपद बदायूं

हक की बात जिलाधिकारी के साथ, छात्राओं ने डीएम दीपारंजन से पूछे कई सवाल

बदायूं। छात्राओं, महिलाओं के मन में उठने वाली जिज्ञासा को शांत करने के लिए गुरुवार को उत्तर प्रदेश महिला कल्याण विभाग द्वारा मिशन शक्ति 4.0 के अन्तर्गत हक की बात जिलाधिकारी के साथ कार्यक्रम कलेक्टेट स्थित सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें केदारनाथ महिला इण्टर कॉलेज की छात्राओं ने डीएम से अलग-अलग विषय पर सवाल किए, डीएम ने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उनके सवालों के जवाब दिए, साथ ही उनको बताया कि उन्हें अपने लक्ष्य को फोकस करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। जो भी करें, पूरी लगन और जिम्मेदारी से करें, फल की चिंता न करें।

छात्रा कुसुम, रंजना ठाकुर, सायमा खान, अमृता पटेल, तनवी राठौर, राधिका, प्राची साहू ने अपने मन उमड़ने वाले सवालों के जवाब डीएम दीपारंजन से पूछे। छात्राओं की उत्सुकता यह जानने को थी कि जिलाधिकारी के पद पर रहते हुए डीएम को किन किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और यहां तक आने के लिए उन्हें किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शिक्षा ग्रहण करने से लेकर यहां तक पहुंचने का उनका सफर कैसा रहा। किसी छात्रा ने पूछा कि अक्सर देखा गया है कि लोग बालक-बालिकाओं में भेद करते हैं, लड़को को हर चीज की आजादी होती है, लेकिन लड़कियों के लिए बहुत तरह की बंदिशे होती हैं। छात्राओं ने डीएम ने परीक्षा की तैयारियों के सम्बंध में कई सवाल पूछे। डीएम दीपारंजन ने जवाब दिया कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़कर देश का नाम रोशन कर रही हैं, मैं भी एक महिला हूं। लड़का-लड़की में भेद की मानसिकता नहीं होना चाहिए, यह भी देखा गया कि यह लोगों में तब तक बनी रहती है, जब तक आप उन्हें यह साबित करके न दिखा दो कि आप भी कुछ बेहतर कर सकती हो, फिर परिवारजन ही नहीं बल्कि आस-पडोस के लोग भी आपकी मिसाल दिया करेंगे। आप पढ़ाई के साथ एक्स्ट्रा एक्टिविटीज में रुचि लें और पढ़ाई और एक्स्ट्रा एक्टिविटीज के समय को मैनेज करें और अपने एफर्ट्स में कमी न आने दें, सफलता जरूर मिलेगा। परेशानी और दिक्कत सबको आती हैं, ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसे समस्याएं न हों, लेकिन समस्याओं का समाधान करते हुए लक्ष्य की प्राप्ति करना ही सफलता की पहचान है। आप में सीखने और आगे बढ़ने के लिए जज्बा होना चाहिए और रहा सवाल यहां तक पहुंचने के सफर का तो इतना कहना चाहुंगी कि एक दशक से अधिक का समय हो गया है, आपको जीवन के कई पड़ाव अलग-अलग प्रकार की पर्फामेंस की आवश्यता होती है, जिसमें आपको अपना 100 प्रतिशत देना होता है। आप जो कुछ सीखते हैं वह जीवन में जरूर काम आता है, इसलिए लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।

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