उझानी(बदायूं)। पालिका प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते नगर के आधा दर्जन मौहल्लावासियों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल भी नही मिल पा रहा है। पालिका के नलकूप आए दिन खराब हो जाते है तो कभी उसकी मोटर फुंक जाती है जिसके चलते लगभग एक माह से इन मौहल्लों के वाशिंदे बूंद बूंद पानी को तरस रहे है। नगर के ऊपरी इलाकें होने के कारण इन मौहल्लों में हैंड पम्प समेत अन्य निजी संसाधन भी फेल नजर आते है जिससे नागरिकों को पालिका की पाइप लाइनों से आने वाले पानी पर निर्भर रहना पड़ता है।
नगर के सबसे ऊंचाई वाले मौहल्ला किलाखेड़ा में तीन नलकूप, एक देवनागरी कालेज के समीप है जो किलाखेड़ा के प्राइमरी स्कूल परिसर स्थित ओवर हैड टैंकों को भरने का काम करते है। इन टैंकों का पानी नगर के मौहल्ला किलाखेड़ा समेत भर्राटोला, अहिरटोला, बहादुरगंज, पठानटोला, साहूकारा और नझियाई आदि समेत आधे उझानी नगर के वाशिंदों तक पाइप लाइन के जरिए पहुंचाया जाता है। बताते हैं कि पालिका प्रशासन की लचर व्यवस्था और नलकूपों में लगे कम मानक वाले कलपुर्जे के चलते यह नलकूप अक्सर खराब हो जाते हैं जिससे पेयजल की सप्लाई बाधित हो जाती है।
नागरिकों की माने तो पिछले एक माह से कोई न कोई नलकूप खराब हो रहा है जिससे आधी उझानी नगरी को पेयजल नही मिल पा रहा है और नागरिक अपने रोजमर्रा के कामों के लिए पानी की तलाश में भटकते नजर आते हैं। वर्तमान में किलाखेड़ा स्थित एक नलकूप की मोटर फुंक गई है जिससे नागरिकों तक जरूरत के अनुसार पानी नही मिल पा रहा है और नागरिक एक-एक बूंद पानी को तरस गए हैं। स्थिति यह हैं कि पालिका की पाइप लाइनों में बामुश्किल 10 मिनट ही पानी आता है जो नागरिकों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा बना रहता है। नागरिकों का आरोप है कि पालिका प्रशासन नलकूपों में अच्छे गुणवत्ता वाले कलपुर्जों से मरम्मत नही कराता है जिसके चलते नलकूप अक्सर खराब होकर नागरिकों के समक्ष पेयजल की बड़ी समस्या खड़ी कर देते हैं। इस बाबत जानकारी करने पर पालिका के जलनिगम के प्रभारी नफीस अहमद ने बताया कि किलाखेड़ा के एक नलकूप का मोटर खराब हो गया है जिसे सही कराया जा रहा है और एक-दो दिन में पानी सुचारू रूप से नागकिों को मिलने लगेगा।