बिल्सी

नौवां दिन उत्तम आकिंचन धर्म के रूप में मनाया, बच्चों में हुई खुल जा मोक्ष का द्वार प्रतियोगिता

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बिल्सी,(बदायूं)। नगर के मोहल्ला संख्या दो स्थित श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में जैन समाज द्वारा मनाए जा रहे दस दिवसीय पर्युषण पर्व का नवां दिन यहां उत्तम आकिंचन धर्म के रुप में मनाया गया। यहां सबसे पहले ऋतिक जैनए बॉबी जैनए नीरेश जैनए मयंक जैन ने प्रथम बोलिया लेकर भगवान जिनेन्द्र स्वामी का जलाभिषेक पूजा.अर्चना एवं दसलक्षण विधान किया।

 

मीडिया प्रभारी प्रशान्त जैन ने बताया की उत्तम आकिंचन यानी धर्म आत्मकेंद्रित करने को कहा गया है। आकिचन्य धर्म आत्मा की उस दशा का नाम है जहां पर बाहरी सब छूट जाता है किंतु आंतरिक संकल्प विकल्पों की परिणति को भी विश्राम मिल जाता है। बाहरी परित्याग के बाद भी मन में मैं और मेरे पन का भाव निरंतर चलता रहता है। जिससे आत्मा बोझिल होती है और मुक्ति की ऊर्ध्वगामी यात्रा नहीं कर पाती। संसार में भौतिक वस्तुओं का किंचित मात्र भी परग्रह करना आकिंचन कहलाता है। यहाँ नीरेश जैन के सानिध्य में खुल जा मोक्ष द्वार प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें दीपक जैन, सोनल जैन, दिव्या जैन, मोना जैन, प्रशान्त जैन, मयंक जैन अव्वल रहे। इस मौके पर मीडिया प्रभारी प्रीत जैन सोनी, प्रशान्त जैन, अनिल जैन सोनी, डॉ आरती जैन, प्रीति जैन, सुनील जैन, मयंक जैन, तरुण जैन, दिव्या जैन, शीतू जैन, नीलम जैन, राखी जैन, सलोनी जैन, इंदु जैन, काजल जैन, प्रतिभा जैन, मोना जैन आदि मौजूद रही।

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