दातागंज

शांति भंग का आरोपी एसडीएम अदालत में बेहोेश कर गिरा, परिजनों ने लगाया पुलिस पर पिटाई का आरोप, पुलिस ने साफ किया इंकार

Up Namaste

दातागंज,(बदायूं)। कोतवाली क्षेत्र के गांव कुड़ा में दो पक्षों में हुए विवाद के बाद थाने लाये गए लोगों का आज पुलिस ने शांति भंग की धाराओं मंे चालान कर एसडीएम की अदालत में पेश किया जहां एक पक्ष का व्यक्ति बेहोश होकर गिर पड़ा। बंदी की हालत देख एसडीएम ने उसे दातागंज अस्पताल भेजा जहां से डाक्टरों ने गंभीर हालत को देखते हुए उसे जिला अस्पताल रैफर कर दिया है। परिजन पुलिस पर उसकी पिटाई का आरोप लगा रहे है जबकि कोतवाल विशाल प्रताप ने पिटाई की बात को सिरे से नकार दिया।

बताया जाता है कि कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम कुड़ा में दो पक्षों के बीच ग्राम सभा की जमीन को लेकर विवाद हो गया था विवाद ज्यादा बढ़ा तो रविवार को दातागंज कोतवाली पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले आयी और पूछताछ कर दोनों को हवालात में बंद कर दिया। दूसरे पक्ष का आरोप है कि सोमवार सुबह एक पक्ष के बिजनेस कश्यप व हरिओम कश्यप पुत्र ओमकार कश्यप को थाने से छोड़ दिया गया । लेकिन अलादीन पुत्र कमरुद्दीन उसकी पुत्री का पुलिस ने शांतिभंग में चालान कर सोमवार दोपहर लगभग तीन बजे उप जिलाधिकारी न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में वादकारी एवं अधिवक्ताओं द्वारा अलाउदीन की हालत देखकर दंग रह गये अलाउद्दीन न्यायालय परिसर के बाहर ठीक से बैठ भी नहीं पा रहा था बार.बार लेट कर करवट बदल रहा था जिसको देखने के लिए तहसील परिसर में भीड़ उमड़ पड़ी थी। अदालत परिसर में अलाउद्दीन की पुत्री ने बताया कि रविवार दोपहर में घर पर अकेली थी तभी गांव के ही बिजनेस व हरिओम मेरे घर में घुस आए और मेरे साथ अश्लील हरकतें करते हुए मुझे कमरे में खींचने लगे जब मैंने विरोध कर चीखना चिल्लाना शुरू किया तभी उपरोक्त दोनों लोग वहां से भाग गए माता.पिता जब घर पर आए तो उन्हें घटना के बारे में बताया उन्होंने डायल 112 को कॉल कर पुलिस को सूचना दी दोनों पक्षों के दो दो लोगों को दातागंज कोतवाली पुलिस पकड़ कर थाने ले आई और रात भर थाने में की हवालात में रखकर अलाउद्दीन के साथ मारपीट करती रही उसकी बेटी द्वारा पिता को मारने से मना किया तो उस पर भी गंदे गंदे कमेंट किए गए। वही पुत्री द्वारा पत्रकारों को वीडियो पर दिए गए बयानों से साफ झलक रहा है कि पुलिस एक पक्ष के साथ मारपीट की गई है। पुत्री का यह भी कहना था कि पिटाई देख देखकर में विचलित होती रही लेकिन पुलिस को रहम नहीं आया और बाद में उसका चालान शांति भंग में कर दिया।
जब अलाउद्दीन को कोतवाली पुलिस तहसील में पेश करने के लिए लाई तब वहां स्थिति ही दूसरी हो गई और अलाउद्दीन तहसील परिसर में तड़पता रहा उसको देखकर अधिवक्ता एवं बाद कारिर्यों में रोष पनपने लगा इस बात की भनक स्थानीय पुलिस को लगी और वह भारी.भरकम दल बल के साथ पुनः तहसील परिसर में पहुंची और अलाउद्दीन को जबरदस्ती ई रिक्शा पर बैठा कर भेज दिया गया खबर लिखे जाने तक तहसील परिसर में गहमागहमी का माहौल बना हुआ था। बताया जाता है कि कोतवाली पुलिस ने जब अलाउद्दीन को दातागंज चिकित्सालय इलाज के लिए ले गई तब वहां तैनात डॉक्टरों ने उसकी स्थिति गंभीर बताते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। इस मामले में कोतवाल विशाल प्रताप का कहना है कि अलाउद्दीन के साथ पुलिस ने मारपीट नही की है। उन्होंने बताया कि चालान से पहले उसका मेडीकल कराया था जिसमें कोई चोट आदि नही आई। उनका कहना है कि अलाउद्दीन पुलिस पर बेवजह आरोप लगा रहा है।

Up Namaste

Leave a Reply

error: Content is protected !!