उझानीजनपद बदायूं

उझानी में दिल दहलाने वाला हादसाः गैस सिलेण्डर लीक होने से लगी आग में पिता की दो मासूम पुत्रों समेेत मौत

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आग में फंसे दो पुत्रों को निकालने गया था पिता सुखवीर

उझानी(बदायूं)। गुरूवार की देर शाम एक दिल दहलाने वाला हादसा घटित हो गया। मौहल्ला गद्दीटोला में गैंस सिलेण्डर का पाइप लीक होने से लगी आग में एक पिता की अपने दो मासूम पुत्रों समेत मौत हो गई। हादसे पर जुटे मौहल्लावासियों ने किसी तरह से घर में लगी आग को बुझाया। आगजनी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पिता-पुत्रों के शवों को पीएम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है। इस हादसे से आसपास के इलाके में शोक व्याप्त हो गया है।

नगर के मौहल्ला गद्दीटोला में रहने वाला किसान 30 सुखवीर मौर्य पुत्र महावीर मौर्य की पत्नी त्रिवेणी गुरूवार की देर शाम लगभग साढ़े सात बजे अपने मकान की ऊपरी मंजिल पर बने कमरे में गैस सिलेण्डर से चाय बना रही थी इस दौरान उसके दो बच्चें यश और गोपाल भी मौजूद थे जबकि दो बच्चें ज्योति और अमन बाहर की ओर खड़े थे। बताते हैं कि गैस सिलेण्डर का पाइप अचानक लीक हो गया और उससे कमरे में आग लग गई। बताते हैं कि आग इतनी भयावह थी कि सुखवीर की पत्नी अपने बच्चों को भूल नीचे की ओर शोर मचाती हुई भागी। बताते हैं कि इस दौरान सुखवीर अपने खेत से वापस घर लौटा था कि घर में लगी आग देख कर उसने अपनी पत्नी से बच्चों के बारे में पूछा तब पत्नी ने बताया कि वह तो छत के कमरें में ही है।

बताते हैं कि सुखवीर शोर मचाता हुआ अपने बच्चों को बचाने के लिए आग से जलते कमरें में घुस गया लेकिन वह आग की चपेट में बच्चों समेत आ गया और बाहर नही निकल सका जिससे सुखवीर और उसके बड़े बेटे 9 वर्षीय गोपाल और 7 वर्षीय यश की आग में जल कर दर्दनाक मौत हो गई। बताते हैं कि पिता पुत्रों के नीचे न आने पर मौहल्लावासियों ने पानी आदि डाल कर किसी तरह से आग पर काबू पाया और सुखवीर एवं उसके बच्चों को तलाश किया मगर उनके शव ही मिल सके। आगजनी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पिता पुत्रों के शवों को अपने कब्जें में लेकर पीएम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया। हादसे की सूचना पर उपजिलाधिकारी एवं सीओ उझानी ने भी हादसा स्थल का निरीक्षण कर परिजनों से जानकारी जुटाई। इस हादसे पर मौहल्ला समेत आसपास के इलाके के लोग हैरान और शोक में गमगीन हो गए हैं।

दो बच्चें हादसे की चपेट में आने से बचे
मृतक सुखवीर के दो बच्चें किस्मत वाले रहे जो आगजनी की चपेट में आने से बच गए। बताते हैं कि जब आग लगने के बाद मां त्रिवेणी नीचे की ओर भागी तब उसकी बेटी ज्योति और एक लड़का अमन भी उसके साथ नीचे उतर आया जिससे दोनों बच्चें हादसे का शिकार होने से बच गए।

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