जनपद बदायूं

स्पेशल जज एससी एसटी तृतीय ने सरकारी कार्य में बाधा डालने वाले पूर्व प्रधान को सुनाई दो साल की सजा, जुर्माना भी डाला

बदायूं। स्पेशल जज एससी एसटी एक्ट महेंद्र सिंह (तृतीय) ने अनुसूचित जाति के लेखपाल के साथ मारपीट, गाली गलौच करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में पूर्व प्रधान को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने पूर्व प्रधान को दो साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 13 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है।

मामला वर्ष 2013 का बताया जाता है। दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव नौनी टिकन्ना पर तैनात लेखपाल चंद्रप्रकाश ने पांच मई 2013 को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह नौनी टिकन्ना गांव पर तैनात थे और वह गांव में राम मनोहर लोहिया आवास की सूची बना रहे थे, तभी गांव के तत्कालीन प्रधान तुंगपाल उनके पास आए और कहा कि आवास की सूची मुझे भी दिखाओ कि इसमें मेरे भाइयों के नाम है या नहीं। लेखपाल चंद्रप्रकाश ने तुंगपाल को बताया कि वह सूची भेज चुके हैं। इससे नाराज होकर प्रधान तुंगपाल लेखपाल को जातिसूचक शब्द कहते हुए मारपीट करने लगा। इस दौरान जुटे गांव के लोगों ने बीचबचाव किया। घटना के बाद लेखपाल ने कोतवाली में तुंगपाल सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने प्रधान के खिलाफ जांच करते हुए चार्जशीट को कोर्ट में पेेश कर दिया। बताते है कि स्पेशल जज एससी एसटी एक्ट महेंद्र सिंह (तृतीय) ने अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक ऐश्वर्य राजपूत, जितेंद्र कुमार सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस को सुना। स्पेशल जज ने अभियोजन और बचाव पक्ष को सुननने के बाद प्रधान तुंगपाल को दोषी ठहराते हुए दो वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पूर्व प्रधान पर अदालत ने 13 हजार रुपया का जुर्माना भी डाला है।

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