उझानी

ठंड के बरसाती मौसम में दीन-हीन और बदहाली में जी रहे हैं आवारा गौवंश, जिम्मेदारों ने साधा मौन

उझानी, (बदायूं) । नगर में भूख से व्याकुल और सर्दी से ठिठुरते आवारा गौवंश अपनी दीन-हीन दशा पर आंसू बहा रहे हैं। आवारा गौवंशों की भूख शांत करने और सर्दी से बचाने के लिए न तो नगर पालिका परिषद प्रशासन आगे आ रहा है और न ही समाज सेवियों को गौवंशों पर तरस आ रहा है। गौवंशों की जिम्मेेदारी जिन कंधों पर शासन ने सौंपी है वह जिम्मेदार लोग मौन साध कर बैठ गए है। नगर में पालिका प्रशासन ने आवारा गौवंशाों के लिए अभी तक आश्रय स्थल नही बनवाया है जिससे गौवंश भूख से तड़पते और ठंड से ठिठुरते नजर आते है।

नगर और देहात क्षेत्रों में आवारा धूमते गौवंशों की रक्षा करने एवं उन्हें सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने नगर व शहर प्रशासन एवं देहात की ग्राम पंचायत को गौवंशीय आश्रय स्थल बनाने के लिए आदेश दिए हैं। सूत्रों की माने तो कागजों पर प्रत्येक स्तर पर गौवंशीय आश्रय स्थल संचालित है और इन आश्रय स्थलों के लिए बायकायदा धनराशि भी निकाली जाती है लेकिन इसके बाद भी गौवंश खुलेआम सड़कों पर आवारा धूमते मिल जाते है। गौवंशीय पशु भूख से व्याकुल बरसात और ठंड में अपने छिपने के लिए आश्रय खोजते नजर आते है और जब कोई आश्रय नही मिलता है तब वह झुण्डों में सड़क जाम करते दिखने लगते है। नगर पालिका प्रशासन ने गौवंशों को ठंड के मौसम में होने वाली बरसात और ठिठुरन भरी ठंड से बचाने के लिए गौवंश आश्रय स्थल बनाने की जरूरत नही समझी है जिससे नगर की हर सड़क पर आवारा गौवंश धूमते नजर आते है। यह गौवंश आम नागरिकों के लिए भी परेशानी का सबब बनते जा रहे है।
यहां बता दें कि वर्तमान जिलाधिकारी दीपारंजन कई बार अधिकारियों और कर्मियों को स्पष्ट निर्देश दें चुकी हैं कि कोई भी आवारा गौवंश ठंड के मौसम में सड़क पर नही दिखना चाहिए लेकिन इसके बाद भी उनके आदेश जिम्मेदारों के ठंेगे पर नजर आ रहा है। उझानी में धर्मार्थ गौशाला भी है और उसके पास पर्याप्त जगह भी है इसके बाद भी गौशाला संचालक आवारा पशुओं कोे गौशाला में जगह देने की जरूरत नही समझते हैं जिससे आवारा गौवंशों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है और गौवंश किन हालातों मंे जी है कोई देखने वाला नही है। गौवंशों को आश्रय स्थल के बारे में जानकारी करने के लिए पालिका के ईओ से फोन पर सम्पर्क किया गया मगर उनका फोन नाट रिचेवल आ रहा था।

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