जनपद बदायूं

गुरू – शिष्य की परम्परा को मजबूत करता है शिक्षक दिवसः महेश गुप्ता

बदायूं। सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया गया। पहली बार शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था। रविवार को नगर विकास राज्यमंत्री महेश चन्द्र गुप्ता ने जनपद के नोडल अधिकारीध्आयुक्त बरेली मण्डल बरेली आर रमेश कुमार, जिलाधिकारी दीपा रंजन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत, अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु पुनिया, जिला विद्यालय निरीक्षक डा. प्रवेश कुमार एवं बीएसए डॉ महेश प्रताप सिंह के साथ श्री कृष्ण इंटर कॉलेज में माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर एवं माल्यार्पण कर शिक्षक दिवस का शुभारंभ किया।
इस मौके पर मुख्य अथिति महेश गुप्ता ने माध्यमिक शिक्षा के 75 तथा बेसिक शिक्षा के 75 कुल 150 शिक्षकों को माला पहनाकर, शॉल ओढ़ाकर तथा सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। नगर विकास राज्यमंत्री ने कहा कि गुरु.शिष्य परंपरा को मजबूत करने के लिए शिक्षक दिवस का मौका हम सबके लिए खास होता है।
आयुक्त बरेली मण्डल आर रमेश कुमार ने कहा कि शिक्षक का बच्चों को एक जिम्मेदार और आदर्शनागरिक बनाने में शिक्षकों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। डॉण् राधाकृष्णन से जब उनके कुछ दोस्तों और विधार्थियों ने उनके जन्मदिन का आयोजन करने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि आप सब मेरे जन्म दिन को मनाना चाहते हैं ये बहुत ही खुशी की बात है लेकिन अगर आप मेरे इस खास दिन को शिक्षकों द्वारा किए गए शिक्षा के क्षेत्र में योगदान, समर्पण और उनकी मेहनत को सम्मानित करते हुए मनाएं तो मुझे और ज्यादा प्रसन्नता होगी। उनके इसी इच्छा को ध्यान में रखते हुए सन् 1962 से हर साल 5 सितम्बर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। किसी भी गुरु के लिए इससे बड़ी गुरु दक्षिणा नही हो सकती कि उसके शिष्य ने अपने गुरु से मिली शिक्षा से जग में श्रेष्ठता प्राप्त किया हो। गुरु अपने शिष्य को आगे बढ़ते देख निःस्वार्थ रूप से प्रसन्न होते हैं इसलिए गुरु की तुलना परमब्रह्म परमेश्वर से भी किया जाता है।
डीएम दीपा रंजन ने कहा कि किसी भी विद्यार्थी का जीवन निर्माण करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षक की होती है। विद्यार्थी एक कच्ची मिट्टी के समान होता है उसको आकार शिक्षक द्वारा ही प्राप्त होता है। विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देना ही काफी नहीं है बल्कि उनको बदलते वातावरण तथा आ रही चुनौतियों से सामना करते हुए उनको तैयार करना भी जरूरी है।

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