जनपद बदायूं

छात्राऐं नहीं हैं, छात्रों से कमः एडीजे

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बदायूं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में लैंगिक भेदभाव, घरेलू हिंसा और किशोर न्याय, एवं वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों के सम्बन्ध में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन राजकीय पॉलीटेकनिक कॉलेज में किया गया। शिविर का शुभारम्भ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती शिव कुमारी ने कराया।

इस अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती शिव कुमारी ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में स्थापित लीगल एड क्लीनिक में अपनी समस्याओं के निराकरण हेतु निःशुल्क विधिक सहायता के सन्दर्भ में आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने पोक्सो एक्ट के वारे में बताया और नये तीन कानून के संदर्भ मंे विस्तार से बताया। उन्होंने घरेलू हिंसा अधिनियम, यौन उत्पीडन से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा कि मारपीट करना ही घरेलू हिसा नहीं होती है बल्कि आर्थिक तरीके से भी प्रताड़ित करना भी घरेलू हिंसा होती है। इसी क्रम में एडीजे ने बालिकाओं को सुनीता विलियम्स व कल्पना बावला बछेन्द्री पाल पीटी ऊषा आदि जैसी प्रतिष्ठित महिलाओं का जिक्र करते हुए उनमें पद चिन्हों पर चलने हेतु प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में अपने आप को पुरुषों की तुलना में कम नहीं समझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आठ मार्च को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर पर सुलह समझौते के आधार पर अपने वादों का निस्तारण करा सकते हैं, तथा सूक्ष्म एवं लघु प्रकृति के बादों को सम्बन्धित न्यायालय के निर्देशानुकम में जनपद न्यायालय परिसर में मध्यस्थता केन्द्र खुला हुआ है। कार्यक्रम का संचालन, श्रीमती अंजना यादय ने किया।

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