बदायूं। क्षय रोग पर पूरी तरह से नियंत्रण पाने के लिए जिले भर के सरकारी अस्पतालों में बने डॉटस सेन्टरों पर टीवी के मरीजों को दवा वितरित की जाती है लेकिन पिछले कुछ दिनों से टीवी की दवाओं का आभाव हो गया है। पता चला है कि अस्पतालों को दवाएं न मिल पाने के कारण मरीजों में बंटने वाली दवा खत्म हो गई है। टीवी की दवा सरकारी अस्पतालों से न मिलने पर टीवी के मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सीएमओ समेत अन्य डाक्टर कह रहे हैं कि भारत सरकार से दवा न मिल पाने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है और जल्द ही इसका निवारण कर टीवी मरीजों में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध कराई जाएगी।
पिछले दिनों में सरकारी अस्पताल से मिलने वाली टीवी की दवा अचानक समाप्त हो गई। अस्पतालों के डॉटस सेन्टरों ने पर्चा चिपका दिया कि दवा खत्म हो गई है और आने पर ही मिल सकेगी। डॉटस सेन्टरों पर दवा न मिल पाने के कारण इलाज करा रहे टीवी के मरीज अस्पताल आकर बिना दवा लिए वापस लौट रहे हैं। अस्पतालों से टीवी की दवा समाप्त होने के कारण टीवी का इलाज करा रहे मरीजों को लगातार दवा न मिलने पर उनके चल रहे इलाज पर असर पड़ सकता है। बताते हैं कि टीवी के मरीजों का इलाज लगातार चलता है और उनके इलाज के बीच में दवाएं बंद नही होनी चाहिए। अस्पतालों के डॉटस सेन्टरों पर मरीजों को समय से दवाएं न मिली तब ऐसी स्थिति में टीवी के मरीजों के समक्ष बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।
बदायूं जिले में टीवी की दवाई खत्म होने से मरीजों के लिए पैदा हुई समस्या के बारे में जब मुख्य चिकित्साधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि टीवी की दवा की उपलब्धता बदायूं ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में व्याप्त है। वजह जानने पर सीएमओ ने बताया कि यह भारत सरकार की योजना है और पिछले दिनों से भारत सरकार से टीवी की दवा प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग को नही मिली है जिससे मरीजों में दवा नही बंट पा रही है। सीएमओ ने बताया कि हमारे पास ऐसा कोई बजट का प्रावधान ही है जिससे वह टीवी की दवा बाजारों से खरीद कर मरीजों में बंटवा सके। सीएमओ बोले- फिर भी कोशिश की जा रही है कि मरीजों के टीवी की दवा की उपलब्धता कराई जाए लेकिन यह दवा कितने मरीजों में बंट सकेगी यह नही कहा जा सकता है।
दूसरी ओर डॉटस से जुड़े डा. विनेश कुमार से जानकारी ली गई तब उन्होंने बताया कि टीवी की दवा भारत सरकार से राज्य सरकार को मिलती है जो स्वास्थ्य विभाग तक पहुंची है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों से टीवी की दवा स्वास्थ्य विभाग को नही मिल सकी है। डा. विनेश ने बताया कि टीवी के मरीजों की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने कुछ बजट का प्रावधान स्वास्थ्य विभाग के लिए किया है जिसमें सीएमओ स्तर पर दवाई खरीदने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने बताया कि सीएमओ ने कुछ दवाएं बाजार से उपलब्ध कराई है जिसका वितरण कराया जा रहा है लेकिन यह दवाएं निरन्तर बंट सकेगी यह नही कहा जा सकता है। टीवी की दवाएं मरीजों को न मिल पाने के कारण मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
10 हजार से अधिक मरीज अस्पतालों से ले रहे हैं टीवी की दवा
डा. विनेश कुमार का कहना है कि बदायूं जिले में 10 हजार 300 टीवी के मरीज निरंतर अपनी दवाएं डॉटस के माध्यम से ले रहे है। उन्होंने बताया कि उक्त सभी मरीज पंजीकृत है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि सभी मरीजों को बिना रूकावट के दवा मिलती रहे।
खुले बाजार में महंगी है टीवी की दवाएं
खुले बाजार की अगर बात करें तब टीवी की दवाईयां काफी महंगी है जिसे खरीदना गरीब एवं मध्य वर्गीय मरीजों को भारी पड़ जाता है। इन मरीजों की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नही होती है कि वह आसानी से खुले बाजार से टीवी की दवा खरीद सके।