उझानी,(बदायूं)। भ्रष्टाचार के खिलाफ अब गांव की सत्ता उतर आई है। प्रधानों का कहना है कि भ्रष्टाचार के चलते गांवों का विकास पूर्ण रूप और मानक के अनुरूप नही हो पाता है। गांव के विकास और मनरेगा के तहत आने वाले धन में कमीशन खोरी के खिलाफ प्रधानों ने आज एक बैठक कर हुंकार भरी और कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ेंगे।
मंगलवार की शाम ग्राम प्रधानों ने अपने संगठन के बैनर तले एक बैठक की और भ्रष्टाचार के खिलाफ हुंकार भरी। बड़ी संख्या में पूरे क्षेत्र के ग्राम प्रधानों ने गांव के विकास कार्यो एवं मनरेगा के तहत होने वाले निर्माण कार्या में ब्लाक स्तरीय अधिकारियों द्वारा की जा रही कमीशनखोरी के खिलाफ जोरदार तरीके से आवाज उठाई। ग्राम प्रधानों का कहना है कि वह अपने-अपने गांवों का पूर्ण रूप से विकास करा कर ऐसे गांवों का निर्माण करना चाहाते है जिसमें ग्रामीणों को हर तरह की सुविधाएं अपने गांवों में ही मिल सके।
प्रधानों का कहना है कि गांवों में शिक्षा-स्वास्थ्य की सुविधाएं वह देना चाहते है लेकिन इसके लिए सरकार से मिलने वाली धनराशि पर ब्लाक अधिकारियों द्वारा कमीशन मांगा जाता है। ग्राम प्रधानों का कहना है कि बदलते वक्त में अगर वह अधिकारियों को कमीशन देंगे तो गांव का विकास नही हो सकता है। ग्राम प्रधानों ने एकजुटता के साथ संकल्प लिया कि जब तक कमीशनखोरी बंद नही हो जाती है तब तक वह अपने गांवों में मनरेगा और अन्य योजनाओं का कोई कार्य नही कराएंगे।