उझानी,(बदायूं)। उझानी कोतवाली में तैनात महिला सिपाही और मुंशी के बीच हुई हाथापाई के बाद दोनों को लाइन हाजिर कर दिया गया लेकिन अब वीडियो-आडियो वायरल हो रहा है जिसमें पीड़ित महिला सिपाही स्पष्ट कहती सुनाई दे रही हैं कि अपनी जात बिरादरी वाले पुलिस कर्मियों को हर सुविधा मिलती है जबकि गैर बिरादरी के पुलिस कर्मियों परेशान किया जाता है। महिला सिपाही इंस्पेक्टर पर भी चार बार पेशी के बाद भी उसकी न सुनने का आरोप लगा रही है और इंस्पेक्टर कह रहे हैं यहां ऐसे ही चलेगा तू जलती रहें। क्या सच में कोतवाली में जात-बिरादरी का परचम लहरा रहा है?
वायरल वीडियो-आडियो पर गौर किया जाए तो उझानी कोतवाली में कुछ भी ठीक नही चल रहा है। आडियो में लाइन हाजिर की गई महिला सिपाही प्रतिष्ठा शर्मा को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कोतवाली में सिर्फ और सिर्फ जात बिरादरी को ही सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। जात बिरादरी के पुलिस कर्मियों को बिना अवकाश के कही भी जाने की खुली छूट है जबकि गैर बिरादरी के पुलिस कर्मियों को मांगे से भी से छुट्टी नही मिल पाती है। विवाद के दौरान महिला आरक्षी प्रतिष्ठा शर्मा प्रभारी निरीक्षक से कहती हैं कि यहां सबकुछ जात बिरादरी पर निर्भर है। महिला आरक्षी कह रही हैं कि वह इंस्पेक्टर के समक्ष चार बार हाजिर हो चुकी है इसके बाद भी उन्होंने उसकी परेशानी समझने का प्रयास नही किया। प्रतिष्ठा शर्मा के ज्यादा कहने पर इंस्पेक्टर बोल रहे हैं कि यहां ऐसे ही चलेगा तू जलती रहे और तूझे रिलीव कर दिया है तू जा। इसके अलावा वीडियो में मुंशी गुलाब सिंह से महिला आरक्षी कह रही हैं कि अन्य महिला सिपाही बिना छुट्टी लिए चली जाती है इस पर मुंशी गुलाब सिंह कहता है कि यह मेरा अधिकार है तू इसमें हस्तक्षेप न कर, मै किसी को दो, चार, दस और 12 दिन छुट्टी पर भेजू यह मेरा रिस्क है और नौकरी मेरी फंसेगी तेरी नही तू रिलीव हो जा। कोतवाली विवाद के वीडियो-आडियो जनमानस में चर्चा का विषय बनने हुए हैं।
यहां बता दें कि गत सोमवार को दो महिला सिपाही प्रतिष्ठा शर्मा का जरीफनगर और अंशू तेवतिया को बदायूं की सदर कोतवाली तबादला किया गया। जब रिलीव होने आई प्रतिष्ठा की मुंशी गुलाब सिंह से हूंकतांक हो गई तब प्रतिष्ठा ने मुंशी को थप्पड़ जड़ दिया और बदले में मुंशी ने भी महिला सिपाही को थप्पड़ मार दिया। विवाद के बाद एसएसपी के सामने प्रतिष्ठा पेश हो गई तब दूसरे दिन एसएसपी ने दोनों को लाइन हाजिर कर दिया था। चर्चा है कि प्रतिष्ठा और अंशू में पहले से ही नही बनती थी और अक्सर विवाद होता रहता था।
कोतवाली के अंदर तनाव और विवाद को अधिकारियों से छिपाया गया?
वायरल वीडियो-आडियो को समझा जाए तो कोतवाली के अंदर जात बिरादरी के बाद तनाव और विवाद को अधिकारियों को अवगत कराने के बजाय उनसे छिपाया गया? और क्या जो आरोप महिला आरक्षी लगा रही है क्या वह बाकई में सच है अगर ऐसा था तो इस विवाद और आरोपो को समय रहते क्यों नही सुझाया गया था? एक तरफ पुलिस के उच्चाधिकारी कह रहे हैं कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नही की जाएगी तो दूसरी तरफ उझानी पुलिस अनुशासन की ध्ज्जियां उड़ाती नजर आ रही है।