बदायूं। आजकल एक आडियों वायरल हो रहा है जिसमें दो व्यक्ति बातचीत कर रहे हैं और एक व्यक्ति कह रहा हैं कि उसने अपात्रों को आवास कराएं हैं अगर उसकी जांच हुई तो वह पूरे ब्लाक की जांच करा देगा। वायरल आडियों कादरचौक ब्लाक का बताया जा रहा है लेकिन इसकी पुष्टि किसी भी स्तर पर नही हो रही है लेकिन एक बात तो पूरी तरह से साफ हो गई हैं कि सरकारी योजनाओं में आपात्रों को लाभ देने के लिए भ्रष्टतंत्र काफी मजबूत स्थिति में है और अधिकारी भी पात्र-आपात्र की पुष्टि किए बगैर योजना का लाभ दे देते हैं जिसका सीधा लाभ पात्रों के बाजय आपात्रों को अधिक मिल रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर वायरल आडियों में बात कर रहे दो व्यक्तियों में से एक कह रहा हैं कि अगर उसकी जांच हुई तब वह पूरे ब्लाक की जांच करा देंगा इस पर दूसरा व्यक्ति कहता हैं कि अगर जांच हो जाए तो उसे क्या परेशानी है। इस पर दूसरा व्यक्ति कह रहा हैं कि अगर जांच हुई तो उसके अधिकारी कहेंगे कि उसने अपात्र को लाभ कैसे दे दिया। बात करने वाला सचिव हो सकता हैं, वह कह रहा हैं कि पात्र है या अपात्र हैं इतनी जल्दी कुछ नही हो सकता है कुछ तो दान दरिया होगा। रिकवरी चाहे उससे हो या अपात्र से इन दो कामों से एक काम तो होगा ही और उसके अधिकारी उससे कहेंगे कि उसने अपात्रों का चयन कैसे कर दिया।
पीएम आवास योजना को लेकर वायरल आडियो कादरचौक ब्लाक का बताया जा रहा है लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी इसकी पुष्टि नही हो पाई है। इस संदर्भ में कादरचौक ब्लाक के अधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया मगर सफलता नही मिल सकी। यहां बताते चले कि प्रधानमंत्री आवास योजना समेत गरीबों एवं मध्य वर्गीय लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्रों को तो नही मिल पाता है लेकिन भ्रष्ट तंत्र के दम कर अपात्र इसका पूरा लाभ उठा लेते हैं और ब्लाक से लेकर प्रशासन तक में बैठे अधिकारी पात्र अपात्रों की जांच कराएं बगैर अपने अधीनस्थ कर्मियों के कहने पर योजना का लाभ सीधे तौर पर दे देते हैं। इस मामले में जानकार लोगों की माने तो पीएम आवास योजना में सबसे बड़ा घोटाला सामने आ सकता है बशर्ते इसकी निष्पक्ष जांच हो जाए।