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एपीएम डिग्री कालेज के कर्मियों और शिक्षकों ने किया कार्य बहिष्कार, निदेशक पर लगाए उत्पीड़न के आरोप

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उझानी(बदायूं)। अयोध्या प्रसाद मैमोरियल पीजी कालेज में आज कर्मचारियों और शिक्षकों ने कालेज की प्रबंध समिति में निदेशक के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन पर बेवजह उत्पीड़न का आरोप लगाया और कार्य बहिष्कार कर दिया हालांकि इस दौरान चल रही द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा पर कोई प्रभाव नही पड़ा। कालेज में विवाद की सूचना पर पर पहुंचे प्रबंध समिति के सचिव ने हालात को संभाला और निदेशक द्वारा कालेज के किसी भी कार्य में हस्तक्षेप न करने का लिखित आश्वासन देकर विवाद का पटाक्षेप कर दिया बाबजूद इसके शिक्षक और कालेज कर्मियों में निदेशक के खिलाफ रोष व्याप्त है।

विवाद की शुरूआत 19 दिसम्बर से हुई थी। कालेज के लिपिक शैलेश गुप्ता सोमवार को पूरे दिन कालेज में रहे और कालेज का कामकाज करते रहे। कर्मियों का आरोप है कि इसके बाद भी निदेशक एमएस अग्रवाल ने उपस्थिति पंजिका पर उन्हें गैर हाजिर दिखा दिया गया। आज सुबह जब लिपिक शैलेश कालेज पहुंचे और उन्होंने सोमवार की अपनी गैर हाजिरी देखी तो वह अचंभित रह गए और उन्होंने इस मामले में अपने साथी कर्मियों के अलावा प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ से बात की। बताते हैं कि प्राचार्य श्री वशिष्ठ ने जब कालेज पहुंचे निदेशक से जानकारी चाही तब वह अपनी मनमानी पर उतर आए जिससे कालेज के कर्मियों और शिक्षकों में रोष व्याप्त हो गया और सभी ने निदेशक के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कार्य बहिष्कार कर निदेशक की मनमानी के खिलाफ न्याय की मांग शुरू कर दी।

कालेज के कर्मियों और शिक्षकों का कहना है कि कालेज के निदेशक कालेज में अपनी मनमानी करते हुए हम सब का मानसिक उत्पीड़न तो करते ही है साथ ही परीक्षाओं के दौरान अनावश्यक हस्तक्षेप करते है जो विश्व विद्यालय के नियमों के खिलाफ है। कालेज के निदेशक और शिक्षक-कर्मियों में विवाद की सूचना पर प्रबंध समिति के सचिव राम प्रकाश शर्मा पहुंच कर और उन्होंने मामले को संभाला लेकिन शिक्षक और कर्मी न्याय की मांग पर अड़ गए। बताते हैं कि सचिव श्री शर्मा ने शिक्षकों और कर्मियों को परीक्षा अवधि के दौरान सर्वाधिकार प्राचार्य के आधीन रहने और किसी अन्य का हस्तक्षेप न करने, फाइन के लिए अभिलेखों से प्रवेश फार्म न निकालने, कर्मियों और शिक्षकों से द्वेषपूर्ण व्यवहार न करने और किसी भी कर्मी को मौखिक रिलीव या आकस्मिक अवकाश पर भेजने को बाध्य को बाध्य नही किया जाएगा वही प्राचार्य के आदेश पर ही कार्यालय के काम होने और किसी भी आरोप पर कर्मी को सफाई का मौका देने के लिखित आश्वासन दिया तब कही जाकर शिक्षक-कर्मी माने लेकिन उनमें निदेशक के खिलाफ रोष बरकरार रहा।

एक अन्य मामले में एक छात्रा ने महिला कर्मी पर उसके पांच सौ रुपया निकाले जाने के आरोप पर निदेशक एमएस अग्रवाल ने महिला कर्मी को जमकर डांटा जबकि महिला कर्मी खुद को निर्दोष बताते हुए जांच की मांग करती रही लेकिन निदेशक अपने रूख पर कायम रहे। छात्रा के आरोपों पर प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ ने सीसीटीवी खंगाले मगर उसमें कुछ नही मिला। इस मामले में श्री वशिष्ठ ने बताया कि कालेज के किसी भी कर्मी का उत्पीड़न बर्दाश्त नही होगा। उन्होंने बताया कि छात्रा के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। इस मामले में जानकारी करने पर निदेशक एमएस अग्रवाल ने पूरे प्रकरण से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए सचिव राम प्रकाश शर्मा के पाले में गेंद फेंक दी।

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