उझानी(बदायूं)। रविवार की सुबह नवरात्रों के समापन पर मां दुर्गा की मूर्ति का गंगा में विसर्जन कर रहे कुछ लोगों के साथ मौजूद फिरोजाबाद का एक युवक अचानक गहरे पानी में डूब कर मौत का शिकार बन गया। इस हादसे पर परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन शव को पीएम कराएं बिना अपने साथ वापस घर ले गए हैं।
फिरोजाबाद जिले के थाना टूण्डला के गांव मनी की मढ़ैया में नवरात्रों के दौरान ग्रामीणों ने धार्मिक अनुष्ठान के तहत मां दुर्गा की प्रतिभा को स्थापित किया था जिसे नवरात्र समापन के उपरांत गंगा में विसर्जन के लिए लेकर कछला स्थित मां भागीरथी के तट पर पहुंचे थे। बताते हैं कि रविवार की सुबह ग्रामीणों ने मां दुर्गा की प्रतिभा का पूजन अर्चन किया और फिर लगभग सात बजे के करीब उसे विसर्जन के लिए गंगा में उतरे। एक ग्रामीण भूरी सिंह के मुताबिक गंगा में दुर्गा मूर्ति को विसर्जित करते वक्त मूर्ति हाथ से छूट गई जिस पर सभी ग्रामीणों ने मूर्ति को कम पानी में ही छोड़ दिया मगर 22 वर्षीय मदन निषाद पुत्र महेन्द्र निषाद नामक युवक मूर्ति को गहरे पानी में छोड़ने की बात करने लगा। बताते हैं कि जब ग्रामीणों ने उससे मना किया फिर भी वह न माना और गहरा पानी देखने के लिए आगे बढ़ गया।
ग्रामीणों का कहना हैं कि जैसे ही मदन गहरे पानी में पहुंचा कि अचानक आई भंवर ने उसे अपनी चपेट में ले लिया और वह गंगा के गहरे पानी में समा गया। मदन को डूबते देख साथ आए ग्रामीणों ने शोर मचा कर गोताखोरों को बुला लिया। गंगा में उतर गोताखोरों को जब मदन नही मिल पाया तब ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी जिस पर पुलिस ने गोताखोरों की एक टीम को भेजा जिसने गंगा में उतर कर लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद उसे गंगा से निकाला तब तक मदन की मौत हो चुकी थी। मदन की मौत से साथ आए लोगों में मातम पसर गया और उन्होने हादसे की सूचना परिजनों को दी जिस पर परिजन भी कछला पहुंच गए। बताते हैं कि कछला चौकी पुलिस ने शव को अपने कब्जें में ले लिया लेकिन परिजनों ने पीएम कराने से मना कर दिया और रोते बिलखते शव को अपने साथ लेकर चले गए। युवक अविवाहित था।
गहरे पानी से डरता था मृतक लेकिन मौत भी पानी में डूब कर हुई
मृतक मदन निषाद के परिजनों ने बताया कि मदन गहरे पानी में जाने से बेहद डरता था फिर भी वह गहरे पानी में कैसे चला गया इसको लेकर ग्रामीण अचंभित है। परिजनों ने बताया कि मदन हमेशा गहरे पानी से दूर रहता था लेकिन विधि का विधान तो देखिए कि गहरे पानी में डूब कर उसकी मौत हुई। परिजनों का कहना है कि विधि में जैसे लिखा है उसी के अनुसार ही चक्र क्रम चलता है।