जनपद बदायूं

डीएम ने डहरपुर कलां एवं गुलडिया का किया निरीक्षण, डेंगू के रोकथाम के दिए निर्देश

Up Namaste

बदायूं। दातागंज ब्लाक के गांव डहरपुर कलां एवं नगर पंचायत गुलड़िया में डेगूं के बढ़े मामलों का संज्ञान लेने रविवार सुबह जिलाधिकारी दीपा रंजन ने मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत, उपजिलाधिकारी सदर लाल बहादुर एवं उपजिलाधिकारी पारसनाथ व अन्य सम्बंधित अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ पहुंचकर गांव का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गांव के भीतर गंदगी और कूड़ा देख उन्होंने तत्काल हटवाकर सफाई कराने के निर्देश दिए हैं। डीएम के निर्देशों के क्रम में पूरे जनपद में सफाई अभियान चलाया गया।

उन्होंने ग्रामीणों से वार्ता करते हुए हालचाल पूछा। डीएम ने गांव में गंदगी देखकर ग्राम प्रधान से हटवाने व साफ सफाई कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं डेंगू की चपेट में आए लोगों के सम्बंध में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि गांवो में कैम्पों के माध्यम से जांच के लिए सैम्पल लिए जाएं। मरीज पाए जाने पर गांवों की नालियों में एंटीलार्वाए दवा छिड़काव, फागिंग करवाएं। डीएम ने मौके पर जाकर देखा तो डहरपुर कलां के ग्राम सचिव चन्द्रभान सिंहएवं नगर पंचायत गुलड़िया में एसीएमओ डा. मनजीत सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी योगेश सारस्वत, एमओआईसी डा. शीवेन्द्र अनुपस्थित मिले। डीएम ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण के निर्देश दिए। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कहीं भी कोई अधिकारी, कर्मचारी द्वारा इस प्रकार की लापरवाही पाई गई तो कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। सभी अधिकारीए कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वाहन पूरी जिम्मेदारी से करें। डीएम ने डेगूं और मलेरिया की रोकथाम के लिए उपाय बताते हुए कहा कि किसी भी प्रकार का जलभराव न होने दें और उसे समाप्त करें जैसे गड्ढे में जलभराव है तो उस में मिट्टी डालकर उसे बंद कर दें। अगर उसे बंद नहीं कर सकते तो जला हुआ मोविल आयल या मिट्टी का तेल सप्ताह में 1 दिन छिड़क दें जिससे कि उसकी सतह पानी के ऊपर बन जाएगी और मच्छर का बच्चा;लारवाद्ध सांस नहीं ले पाएगा इससे मच्छर नहीं पनपेंगे। मच्छर से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना है। नीम के सूखे पत्तों का धुँआ कर ले। उन्होंने कहा कि घर में सभी व्यक्ति मच्छरदानी में सोएं। सभी लोग मच्छरदानी का प्रयोग करें। डीएम ने ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी तय करते हुए निर्देश दिए कि गांव में कोई भी व्यक्ति बीमार होता है तो किसी भी झोलाछाप डॉक्टर के पास न जाएं बल्कि तत्काल अपने निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र या जिला चिकित्सालय में ईलाज करायें। आशा तथा आंगनबाड़ी गांवों में जागरुकता फैलाती रहें तथा सुनिश्चित करें कि मलेरिया पीवी एवं पीएफ के संक्रामक मरीजों को समय से दवाओं का सेवन होता रहे। स्वास्थ्य शिविर एवं जागरुकता के बारे में एनांउस होता रहे। स्वास्थ्य टीम के साथ सहयोग करें। कूलर एवं फ्रिज का पानी नियमित बदलते रहे।

Up Namaste

Leave a Reply

error: Content is protected !!