उझानी

निर्माणाधीन कोविड वार्ड की नींब का गिरा पिलर, घटिया सामिग्री से बन रहा है वार्ड

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उझानी(बदायूं)। कोविड के मद्देनजर कोविड मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए उझानी अस्पताल परिसर में बनाएं जा रहे कोविड वार्ड की नींब का पिलर घटिया समिग्री इस्तेमाल किए जाने के परिणाम स्वरूप धराशाई हो गया। लोगों का कहना है कि नींब में मानक के अनुसार सीमेन्ट, बजरी आदि न लगाए जाने से पिलर गिरा है अगर भवन बनने के बाद पिलर गिरता तो बड़ा हादसा सामने आ सकता था।

उझानी के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र परिसर में स्वास्थ्य विभाग के निदेशालय ने जिले में कोरोना के भविष्य को देखते हुए कोविड वार्ड बनाने का निर्णय लिया जिसका कुछ समय पूर्व ही निर्माण कार्य शुरू हुआ है। कोविड वार्ड को योगी सरकार के स्वास्थ्य निदेशालय ने नोएडा की एक निर्माण करने वाली कम्पनी को इसका ठेका दिया है। बताते हैं कि कम्पनी के कर्मियों ने भवन बनाने के लिए नींब भर कर उसके चारों ओर पिलर खड़े कर दिए। जानकार लोगों की माने तो निर्माण करने वाली कम्पनी ने नींब में पीला ईंट के अलावा सीमेंट की जगह रेत का अधिक उपयोग किया है वही पिलर खड़े करने में सीमेंट और बदरपुर तथा बजरी में भी मानक को दरकिनार करते हुए तीन सूत की सरिया के साहरे पिलर खड़े कर दिए।

बताते हैं कि कोविड वार्ड की नींब में खड़े किए गए पिलरों मंे से एक पिलर स्वतः ही गिर कर अस्पताल की दीवार से जा टिका। अन्य पिलर भी इतने मजबूत नही है कि वह भवन के भार को सहन करने की क्षमता रखते हो। अस्पताल दवा लेने आने वाले मरीजों ने जब निर्माणाधीन कोविड वार्ड में लग रही सामिग्री को देख कर कम्पनी के लोगों को टोका तब कम्पनी के लोगों ने उन्हें डपट कर भगा दिया। जब पिलर गिरा तब कम्पनी की कार्यशैली और भ्रष्टाचार की कलई कथित तौर पर खुल गई है।

इस मामले में मरीजों एवं गिरे हुए पिलर को देखने वाले कहने लगे कि अभी कोविड वार्ड बना भी नही है केवल नींब भरी गई है अगर यह भवन बन जाता और मानक के अनुसार सीमेंट, बजरी, रेत, सरिया, ईंटें आदि न लगे होने के कारण गिर जाता तो एक बड़ा हादसा सामने आ सकता था। इस मामले में जब निर्माणाधीन कम्पनी के कर्मियों से सम्पर्क साधने का प्रयास किया गया तो वह मौके पर न मिल सका। इस मामले में जब सीएचसी प्रभारी डा. राजकुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह कोविड वार्ड मंे लग रही सामिग्री के बारे में अपने अधिकारियों को बता चुके हैं और पिलर गिरने के बारे में लिखित अधिकारियों को भेजेंगे। नागरिकों का कहना है कि योगी सरकार में गुणवत्ता विहीन निर्माण होना और अधिकारियों द्वारा अनदेखी करना बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।

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