बदायूं। यूपी नमस्ते की खबर का बड़ा असर हुआ है। मंगलवार की रात उझानी नगर के आशा नर्सिंग होम में प्रसव को आई महिला की मौत हो जाने के बाद बुधवार की शाम उझानी पहुंचे उप मुख्य चिकित्साधिकारी ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ नर्सिंग होम पहुंच कर उसे सील कर दिया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नगर में चल रहे अन्य नर्सिंग होमों को भी नोटिस देने की बात कही है और जबाब में संतुष्ट न होने पर उनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई के संकेत दिए है।
उझानी नगर के समीपवर्ती गांव अढ़ौली निवासी राधेश्याम अपनी गर्भवती पत्नी 22 वर्षीय ज्योति को प्रसव के लिए मंगलवार की दोपहर पहले पंखा रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ले गया था जहां डाक्टर के मना करने के बाद वह अपनी पत्नी को बाइपास स्थित आशा नर्सिंग होम ले गया। बताते हैं कि अस्पताल संचालक ने साधारण प्रसव के लिए मना कर दिया और आपरेशन से प्रसव कराने की बात कही जिस पर राधेश्याम मान गया और आपरेशन के लिए हां कह दिया। बताते हैं कि अस्पताल संचालक गर्भवती ज्योति को प्रसव हेतु आपरेशन थियेटर में ले गए। बताते हैं कि आपरेशन थियेटर के अंदर अचानक ज्योति की तबीयत खराब होने की बात बाहर आकर अस्पताल संचालक ने पति राधेश्याम को आकर बताई जिससे वह भी घबरा गया।
पति राधेश्याम की माने तब अस्पताल संचालक ने उसे गर्भवती पत्नी को मेडीकल कालेज या किसी निजी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। बताते हैं कि राधेश्याम अपनी पत्नी को लेकर मेडीकल कालेज जा रहा था लेकिन रास्ते में ही ज्योति की मौत हो गई। पत्नी की मौत के बाद राधेश्याम उसके शव को लेकर अपने घर लौट आया। गर्भवती ज्योति की मौत से उसके परिवार में कोहराम मच गया। बताते हैं कि अस्पताल संचालकों ने राधेश्याम से लिया गया पैसा वापस कर दिया और किसी भी कार्रवाई न करने का अनुरोध भी किया। बताते हैं कि जब गर्भवती महिला की मौत की खबर चर्चा में आई और मीडिया तक पहुंची तब अवैध रूप से संचालित अस्पतालों के संचालकों में खलबली मच गई।
बताते हैं कि नर्सिंग होम में प्रवस को आई महिला की मौत की खबर पाकर बुधवार की शाम उप मुख्य चिकित्साधिकारी मोहन झा और उझानी अस्पताल के डाक्टर व कर्मचारी मौके पर पहुंचे और निरीक्षण के बाद अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम का सील कर दिया। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नगर के कुछ अन्य नर्सिंग होमों और अस्पतालों को नोटिस दिया गया है और उनसे जबाब मांगा है। अधिकारियों का कहना हैं कि अगर विभाग जबाब से संतुष्ट नही हुआ तब ऐसे अस्पतालों और नर्सिंग होमों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।