बिल्सी

जैन समाज ने मनाया अजितनाथ स्वामी का ज्ञान कल्याणक, हुए धार्मिक कार्यक्रम

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बिल्सी,(बदायूं)। नगर के मोहल्ला संख्या आठ स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आज जैन अनुयायियों ने तीर्थंकर भगवान अजितनाथ स्वामी का ज्ञान कल्याणक धूमधाम से मनाया। यहां सर्वप्रथम ने भगवान जिनेंद्र का मंगल जलाभिषेक कर शांतिधारा की गई। इसके बाद जैन श्रद्धालुओं द्वारा भगवान अजितनाथ स्वामी की पूजा.अर्चना के साथ णमोकार का पाठ किया।

श्री दिगम्बर जैन महासमिति के मंडलाध्यक्ष प्रशांत जैन खंडेलवाल ने बताया कि जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर भगवान अजितनाथ का जन्म अयोध्या के राजपरिवार में माघ के शुक्ल पक्ष की अष्टमी में हुआ था। इनके पिता का नाम जितशत्रु और माता का नाम विजया था। अजितनाथ का चिह्न हाथी था। जैन ग्रन्थों के अनुसार द्वितीय तीर्थंकर अजितनाथ का जन्म प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ के जन्म के बाद 50 लाख करोड़ वर्गरोस पम और 12 लाख पूर्व बीत जाने के बाद हुआ था। उनकी ऊंचाई 450 धनुष थी। उन्होंने 18 लाख पूर्व युवा अवस्था (कुमारकाल) में व्यतीत किए। उन्होंने अपने राज्य पर 53 लाख पूर्व और एक पूर्वांग तक शासन किया। उन्होंने एक पूर्वांग कम एक लाख पूर्व काल संयम साधना में व्यतीत किया। भगवान अजिताथ की कुल आयु 72 लाख पूर्व की थी। पौष शुक्ल एकादशी यानी इस वर्ष 17 जनवरी को ज्ञान कल्याणक पर्व मनाया गया। दूसरे तीर्थंकर श्री अजीतनाथ जी का जिन्होने 12 वर्ष के तप के बाद अयोध्या में सहेतुक् वन में सप्तवर्ण वृक्ष के नीचे सांय काल में केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई। आप के 90 गणधरों में मुख्य गणधर श्री सिंह सेन थे। इस मौके पर अनिल कुमार जैन, अरविंद कुमार जैन, अभिषेक कुमार जैन, मानसी जैन, शालिनी जैन, नीलम जैन आदि मौजूद रहे।

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