उझानी(बदायूं)। बरेली की रामगंगा कटरी में हुए गैंगवार में तीन हत्याओं के मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर सुरेश प्रधान के घर की महिलाओं के नाम पर बने हथियारों के लाइसंस निरस्त होंगे। उझानी पुलिस ने हथियारों के लाइसंस निरस्त करने की प्रक्रिया में तेजी ला दी है। इधर गैंगवार का मुख्य आरोपी बरेली पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है।
बताते हैं कि बरेली जनपद से जिला बदर होने के बाद हिस्ट्रीशीटर सुरेश प्रधान ने बदायूं जनपद का रूख कर उझानी में अपना निवास बना लिया था और यही से वह अपराधी के साथ सफेदपोश बन गया। बताते हैं कि सपा सरकार के दौरान सुरेश प्रधान ने प्रभावशाली राजनेताओं से नजदीकियां बना कर अपनी पत्नी मीना देवी उर्फ बीना देवी और छोटे भाई की पत्नी अनीता के नाम कादरचौक थाना क्षेत्र से रायफल, बंदूक और रिवाल्वर के तीन लाइसंस बनाबा लिए जिसे बाद में उझानी थाने में भेज दिए गए। इधर सुरेश प्रधान के बड़े भाई महेन्द्र सिंह की पत्नी ने भी बरेली के फरीदपुर थाना से एक हथियार के लिए लाइसंस प्राप्त कर लिया था।
बताते हैं कि सपा सरकार के वक्त सुरेश प्रधान का खास प्रभाव था जिससे पुलिस भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने से डरती थी। बताते हैं कि गत 11 जनवरी को बरेली रामगंगा की कटरी में जमीन जोतने को लेकर हुए विवाद में सुरेश प्रधान ने अपने परिजनों और भाड़े के बदमाशों के साथ सरदार परविन्दर सिंह और देवेन्द्र सिंह और गुल मुहम्मद को मौत के घाट उतार दिया था। कटरी में एक साथ तीन हत्याएं होने के बाद बरेली मंडल की पुलिस जागी और फिर उसका काला चिठ्ठा खंगालना शुरू कर दिया है। प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार से जब इस संदर्भ में बात की गई तब उन्होंने बताया कि तीन असलाहों के लाइसंस कादरचौक थाना से बने जिसे उझानी भेज दिया गया और एक फरीदपुर से बना है। उन्होंने बताया कि लाइसंस निरस्तीकरण की कार्रवाई को तेज कर दिया गया है। इधर सुरेश प्रधान को बरेली पुलिस ने एक अस्पताल से गिरफ्तार कर उसका अपनी निगरानी में इलाज करा रही है।