उझानी(बदायूं)। नगर के घंटाघर चौराहें से लेकर कश्यप पुलिया तक पैदल निकलने तक में जद्दोजहद कर रहे राहगीरों को लोक निर्माण विभाग ने बड़ी राहत देते हुए इस मार्ग के चौड़ी-सुदृढ़ीकरण कराने का निर्णय लिया है और इसके लिए ई टेण्डर भी जारी कर दिए है। लोनिवि के इस टेण्डर के बाद से अवैध कब्जाधारियों में भी हलचल पैदा हो गई है कि अगर नियमानुसार कार्य हुआ तब नगर के अंदर अवैध रूप से खड़ा बाजार पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगा।
अधीक्षण अभियंता बदायूं/पीलीभीत वृत्त के कार्यालय से जारी टेण्डर में कहा गया है कि पीलीभीत-मथुरा-भरतपुर राजमार्ग पर उझानी नगर के अंदर बदायूं बाइपास से लेकर मंडी तिराहा तक सड़क का चौड़ी करण व सुदृढ़ीकरण होगा। विभाग के इस निर्णय से आवागमन को लेकर मशक्कत कर रहे नागरिकों को बड़ी राहत मिल सकती है। इस मार्ग पर घंटाटार चौराहें से लेकर कश्यप पुलिया तक दुकानदारों के लोनिवि की जमीन पर खड़ा किया बाजार और सड़क पर कारोबार करने से दिन में कई-कई बार जाम लगना आम हो गया था स्थिति यह हो गई है कि पैदल निकलना तक दूभर हो रहा था जिससे आम नागरिक इस मार्ग से अतिक्रमण और अवैध कब्जा हटवा कर सड़क के चौड़ीकरण करने की मांग पिछले काफी समय से करते आ रहे है लेकिन हर बार राजनैतिक दबाब के चलते सड़क का चौड़ीकरण नही हो पा रहा था।
वर्ष 2013-14 में लोनिवि ने अवैध कब्जा हटाने को लगा दी थी जान लेकिन राजनैतिक दबाब पड़ा भारी
पीलीभीत-मथुरा-भरतपुर हाइवे पर नगर के अंदर लोक निर्माण विभाग की जमीन पर उझानी नगर के अंदर के दुकानदारों कब्जा कर पूरा बाजार खड़ा कर दिया। विभाग की ओर से पिछले कई सालों से अवैध कब्जा हटाने के लिए समय-समय पर निशान लगाएं जाते रहे जो सिर्फ और सिर्फ निशान तक सीमित रहे। वर्ष 2013-14 में विभाग ने बदायूं बाइपास से लेकर मंडी तिराहा तक नगर के अंदर बन रही सड़क निर्माण के दौरान अवैध कब्जों को नेस्तनाबूंद करने के लिए जी जान लगा दिया था मगर राजनैतिक दबाब के चलते आधी अधूरी सड़क का निर्माण कर अवैध कब्जों को यूं ही छोड़ दिया गया जिससे अवैध कब्जाधारियों के हौंसले बुलंद हो गए और फिर इस मार्ग पर नई इमारतें बनती चली गई।
भाकियू किसान यूनियन ने भी चार माह तक किया था अनशन
वर्ष 2013-14 में बदायूं-कछला रोड के चौड़ीकरण को लेकर की जा रही आनाकानी और राजनैतिक दबाब के विरोध में चार माह तक अनशन कर नियमानुसार मार्ग का निर्माण कराने और अवैध कब्जा हटाने की मांग की थी मगर अधिकारियों ने एक न सुनी। भाकियू नेता आसिम उमर ने बताया कि उस वक्त वर्ष 2014 के फरवरी माह में विभागीय अधिकारियों ने अवैध कब्जाधारी 191 दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीआरपीसी की धारा 133 के तहत एक पत्र उपजिलाधिकारी को लिखा और उसे भाकियू नेताओं को देते हुए कहा कि वह अनशन समाप्त कर दें अब जल्द ही कार्रवाई कर अवैध कब्जा हटा दिया जाएगा जिस पर भाकियू ने अनशन समाप्त कर दिया। आसिम उमर ने बताया कि एक दशक का समय बीत जाने के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने उपजिलाधिकारी को दिए गए पत्र का संज्ञान लेने की जरूरत नही समझी जिससे अवैध कब्जाधारियों को बल मिला।