जनपद बदायूं

12 दिन पूर्व लापता हुए किशोर की सड़ी गली लाश मिलने से ग्रामीणों में आया उबाल, पुलिस कर्मियों को दौड़ाया

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बदायूं। थाना वजीरगंज क्षेत्र के गांव पेपल निवासी एक युवक की अपहरण करने के बाद हत्या कर दी गई। उसकी सड़ी गली लाश गांव के ही एक खेत में 12 दिन बाद मिलने पर परिजनों समेत ग्रामीणों में पुलिस की कार्यप्रणाली के प्रति आक्रोश फैल गया और लाश मिलने की सूचना पर पहुंची पुलिस को ग्रामीणों में पथराव कर दौड़ा दिया जिसमें कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। कई थानों की पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कई घंटों बाद स्थिति को नियंत्रण में किया तब कही जाकर लाश को पीएम के लिए भेजा जा सका।

बताया जाता है कि वजीरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम पेंपल निवासी सुखवीर पुत्र जयपाल 24 जुलाई को खेत पर जाने की बात कहकर घर से निकला था। जब रात तक युवक घर नहीं आया तो परिवार वालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। दूसरे दिन परिवार वाले थाने गए लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी तक दर्ज नहीं की। तीसरे दिन गुमशुदगी दर्ज कर खानापूर्ति की गई। परिवार वालों के कहने पर पुलिस ने 28 जुलाई को पड़ोसी गांव बरखेड़ा निवासी कोमिल, रामपाल पुत्रगण लटूरी, कल्लू उर्फ कल्यान पुत्र दोदराम और उसकी पत्नी सुखदेई उर्फ सुधा के खिलाफ अपहरण के आरोप में मामला तरमीम कर लिया था, लेकिन युवक को तलाश करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। परिवार वाले थाने के चक्कर लगाते रहे। शनिवार सुबह आंवला रोड किनारे उसका कंकाल पड़ा मिला। परिवार वालों ने कपड़े, मोबाइल और अन्य सामान के आधार पर सुखवीर के रूप में कंकाल की पहचान की। कंकाल मिलने से गुस्साये परिवार वालों ने वजीरगंज-आंवला रोड पर जाम लगा दिया। जैसे ही सूचना पर थाना पुलिस पहुंची कि ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। पुलिस कर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसमें एसओ प्रकाश सिंह और सिपाही पुष्पेंद्र घायल हो गए। इसकी सूचना पर कई थानों की पुलिस एसपी देहात सिद्घार्थ वर्मा, एसडीएम बिसौली ज्योति शर्मा मौके पर पहुंच गईं। उन्होंने बमुश्किल ग्रामीणों को शांत किया। उन्हें उचित कार्रवाई और जांच का आश्वासन दिया, तब कहीं अपराह्न साढ़े तीन बजे जाम खोला गया और कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिवार वालों ने पुलिस की लापरवाही बताते हुए तहरीर दी है।

संदिग्ध रही पुलिस की कार्यवाही
31 जुलाई को पुलिस ने दावा करते हुए कहा कि सुखवीर की लोकेशन दिल्ली में मिली है तो परिजन पुलिस की टीम के साथ दिल्ली गये मगर पुलिस द्वारा बताये गये स्थान पर सुखवीर का कहीं कोई सुराग तक नहीं लग सका। पुलिस टीम थक हार कर लौट आई। पुलिस ने आरेपियों को हिरासत में लेकर कई दिनों तक पूछताछ भी की मगर नतीजा सिफर ही रहा। पुलिस आरोपियों से कोई राज नहीं उगलवा सकी और थाने से उनको छोड़ दिया गया।

मां ने पुलिस पर लगाया रिश्वत लेने का आरोप
सुखवीर मां ने रोते हुए बताया कि पुलिस ने जब सुखवीर की लोकेशन दिल्ली में ट्रेस होने की बात बताई तो तलाश करने के नाम पर उनसे एसओ के हमराह अंकित सिरोही और पुष्पेन्द्र कुमार ने 25 हजार रूपये की डिमांड रखी तो सुखवीर की मां ने भैस बेच कर रूपये देने की बात कर दी। मगर पुलिस टीम दिल्ली में खाना पूरी करके लौट आई।

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