बदायूं। बरेली जनपद निवासी एक युवक ने अपर पुलिस महानिदेशक को भेजे गए पत्र में कुंवरगांव थाना में तैनात एक दरोगा, दो सिपाहियों समेत एक तथा कथित पत्रकार पर उससे फर्जी मुकद्दमें में फंसाने की धमकी देकर दस हजार रुपया जबरन वसूली करने का आरोप लगाया है। पीड़ित ने चारों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। इस मामले में एसएसपी ने सीओ सिटी को जांच सौंप दी है।
अपर पुलिस महानिदेशक को भेज गए पत्र में बरेली जनपद के थाना सिरोली के गांव आलमपुर कोट निवासी ओमेन्द्र पुत्र श्रीपाल ने लिखा है कि वह गत 13 जनवरी को उझानी से वापस अपने घर स्कार्पियों गाड़ी से लौट रहा था। उसने लिखा है कि गाड़ी में उसकी पत्नी सुनीता वर्मा और ममेरा साला हेमंत पुत्र चंद्रपाल भी मौजूद था। उसने पत्र में लिखा है कि वह पानी लेने के लिए कुंवरगांव कस्बा में रूका इसी दौरान वहां दो सिपाही और एक दरोगा पहुंच गए और उसके साथ अभ्रदता करते हुए कहने लगे कि वह झण्डी लगी गाड़ी पर घूम रहा है। ओमेन्द्र का कहना है कि सिपाहियों और दरोगा ने उसकी गाड़ी की चाबी निकाल कर वीडियो बनाना शुरू कर दिया जब उसने मना किया तब पुलिस कर्मियों ने उसे गंदी-गंदी गालियां दी और उसे उसकी पत्नी व साले समेत गाड़ी में बंद कर दिया और बीस हजार रुपया की मांग की लेकिन जब उसने आनाकानी की तब पुलिस कर्मियों ने स्मैक में फर्जी तरीके से फंसाने की धमकी दी। बताते है कि ओमेन्द्र ने फर्जी मुकद्दमा के डर से पुलिस कर्मियों से बातचीत की और फिर मामला 10 हजार में पक्का हो गया। उसने पत्र में लिखा है कि पुलिस कर्मियों ने दरोगा का पांच हजार रुपया नगद दिला दिया जबकि पांच हजार रुपया एक पत्रकार के खाते में पेटीएम से डलवाएं। उसने पत्र में लिखा है कि रुपया मिल जाने के बाद पुलिस कर्मियों ने उसे गाड़ी समेत मुक्त किया तब वह किसी तरह अपने घर पहुंचा और परिजनों को अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया। ओमेन्द्र परिजनों के सहयोग से अपर पुलिस महानिदेशक को पत्र भेज कर पूरा वाक्या बताते हुए पुुलिस कर्मियों समेत तथा कथित पत्रकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। बताते है कि इस मामले में आला अधिकारियों ने जांच के लिए सीओ सिटी आलोक कुमार को कहा है।