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उझानी पुलिस को ढाल बना कर सर्राफा दुकानदार से की गई ठगी, शिकायत के बाद भी रुपया कराए ट्रांसफर

Up Namaste

पीड़ित ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ की कार्रवाई की मांग

उझानी(बदायूं)। बदायूं जिले की उझानी नगरी में साइबर अपराध का नया रूप देखने को मिला है। यहां साइबर अपराधी एक महिला ने कोतवाली पुलिस को ढाल बना कर एक सर्राफा दुकानदार से लगभग 27 हजार रुपया की ठगी कर ली। जब दुबारा कॉल आई तब पीड़ित कोतवाली पहुंचा तब पुलिस को साइबर अपराध का आभास हुआ लेकिन तब तक फोन कॉल करने वाली महिला ने फोन का स्विच आफ कर दिया। पीड़ित दुकानदार ने इस अपराध में शामिल उझानी पुलिस के कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को तहरीर दी है मगर पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नही की है।

आलोक नामक सर्राफा दुकानदार ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा हैं कि उसके पास बुधवार को दोपहर में एक बजे मोबाइल फोन पर कॉल आई। फोन पर बोलने वाली महिला खुद को मध्य प्रदेश के ग्वालियर की एसीपी रजनी सिंह बता रही थी और सर्राफा दुकानदार से चोरों के पकड़ने जाने तथा चोरों द्वारा उनका नाम लेने की बात कह कर नकदी की मांग कर रही थी। पीड़ित दुकानदार का कहना है कि फोन कॉल के बाद वह कोतवाली पहुंचे और वहां मौजूद मिली महिला आरक्षी शिवानी को इस बारे में अवगत कराया तब महिला आरक्षी ने उसे आश्वासन देकर वापस दुकान पर भेज दिया।

सर्राफा दुकानदार ने तहरीर में कहा है कि उसके दुकान वापस आने के कुछ समय बाद ही दरोगा मनोज कुमार और सिपाही बलराम समेत कई सिपाही उसकी दुकान पर पहुंच गए और उसे जबरन वहां से उठा लिया और कोतवाली ले जाकर उसके साथ अभद्रता की गई साथ ही पुलिस कर्मियों ने उससे कहा कि ग्वालियर की एसीपी बहुत तेज तर्रार महिला है और वह तुम्हारे खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर देगी इससे अच्छा तो जो एसीपी कह रही है वह कर लें। दुकानदार का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने तथा कथित एसीपी से बात कराई तब उसने उसे डराया और धमकाया फिर एक क्यूआर कोड उनके मोबाइल पर भेजा और इसके बाद उझानी पुलिस ने उस पर दबाब बना कर लगभग 27 हजार रुपया रजनी सिंह के खाते में डलवा दिया तब कही जाकर पुलिस ने उन्हें हिरासत से रिहा किया।

दुकानदार का आरोप है पुलिस से छूटने के बाद जैसे ही वह अपनी दुकान पर पहुंचे तब तथाकथित रजनी सिंह का फिर फोन आया और वह पुनः 27 हजार रुपया डालने को बोलने लगी। इस पर दुकानदार अन्य दुकानदारों के साथ कोतवाली पहुंचा और पुलिस को फोन कॉल के बारे में बताया, तब पुलिस को ठगी में शामिल होने का अहसास हुआ और फिर दरोगा मनोज कुमार ने उक्त नम्बर लगाया जो स्विच आफ आ रहा था। साइबर अपराध के इस मामले में पुलिस का गैर जिम्मेदाराना रवैया और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पीड़ित ने तहरीर दी है। इस मामले की जानकारी के लिए जब एसएचओ को फोन किया गया तब उनका फोन पर कॉल ही नही लग सकी।

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