बदायूं। आठ साल पहले किशोरी से छेड़छाड़ करने के मामले में स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट राजकुमार तृतीय ने आरोपी को चार साल के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने मुजरिम पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी डाला है, जबकि एक अन्य आरोपी को बरी कर दिया है।
बताया जाता है कि थाना उझानी क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने 31 जुलाई 2014 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के मुताबिक उसकी नाबालिग पुत्री उझानी स्कूल जा रही थी। रास्ते में ग्राम ललुईया नगला निवासी खंजनलाल उर्फ वीरपाल पुत्र छदम्मी लाल मिला। वह भी अपनी पुत्री को लेकर उझानी जा रहा था। रास्ते मे वीरपाल ने उसकी पुत्री को भी अपनी बाइक पर बैठा लिया। इसके बाद वीरपाल अपनी पुत्री को उझानी के स्कूल में पहुंचाकर उसकी पुत्री को अपने साथ ले गया।
वीरपाल ने रास्ते मे जनुईया गांव से आगे सूनसान जगह पर बाइक रोककर किशोरी से छेड़छाड़ की। किशोरी ने घर आकर सारा वाक्या बताया। इसके बाद खंजन लाल और गांव का नेम सिंह उसके घर आए और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर चार्जशीट दाखिल की। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट राजकुमार तृतीय ने अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अमोल जौहरी, वीरेंद्र सिंह वर्मा और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस को सुना। कोर्ट ने छेड़छाड़ के मामले में नामजद आरोपी खंजनलाल को दोषी ठहराते हुए चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी डाला है। साक्ष्यों के अभाव में नेमसिंह को बरी कर दिया।