उझानी,(बदायूं)। वर्षो पहले कश्मीर में भारतीय नेताओं की वोट बैंक की चुप्पी के चलते हिन्दूओं के परिवारों पर हुए आमनवीय अत्याचार को पहली बार द कश्मीर फाइल्स के जरिए बड़े पर्दे पर देख नागरिकों की आंखे नम हो गई। फिल्म देख कर निकले नागरिकों की जुबां पर एक ही बात थी वह आखिर इस सच्चाई से पहले क्यों वाफिक न हो सके।
श्री ब्राहमण सभा के तत्वावधान में द कश्मीर फाइल्स को निशुल्क नागरिकों को दिखाया गया। फिल्म देखने नवनिर्वाचित विधायक हरीश शाक्य भी पहुंचे। वर्षो पहले कश्मीरी हिन्दुओं पर हुए आमानवीय अत्याचारों को जब नागरिकों ने बड़े पर पर्दे पर देखा तो उनकी आंखे नम हो गई। फिल्म देखने के बाद नागरिकों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उस वक्त भारत सरकार चाहती तो कश्मीरी हिन्दूओं पर हुए अत्याचार में शामिल दोषियों को सजा दिलवा सकती थी लेकिन उस वक्त की सरकार ने अपने वोट बैंक की खातिर चुप्पी साध कर कश्मीरी हिन्दूओं को बेघर करने का काम किया। श्री ब्राहमण सभा के अध्यक्ष किशन शर्मा ने फिल्मी कलाकारों और निर्माता को साधुवाद करते हुए कहा कि उनकी वजह से ही सच्चाई देश के सामने आ सकी है।