उझानी(बदायूं)। कछला नगर पंचायत प्रशासन ने संदेवनहीनता की पराकाष्ठा को पार कर दिया है। कछला में रहस्यमय तरीके से मर रहे गौवंशों के शवों को दफनाने के बजाय उन्हें गंगा घाट पर खुले में फेंक दिया गया है। गौवंशों के शवों को कुत्ते, चील कौवें नोंच-नोंच कर खा रहे हैं जिससे गंगा घाट पर प्रदूषण का वातावरण पैदा होने लगा है वही घाटवासियों को मृत गौवंशों से उठने वाली दुर्गन्ध से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे प्रकरण से अनभिज्ञ बता रहे हैं।
कछला में पिछले कई दिनों से गौवंश पशु रहस्यमय तरीके से मौत का शिकार बन रहे हैं। गंगाघाट वासियों की माने तब नगर पंचायत कर्मी मरने वाले गौवंशों को गंगा किनारे से कुछ ही दूरी पर उन्हें दफनाने के बजाय खुला फेंक देते हैं। गौवंशों के शवों को कुत्ते, बिल्ली, चील कौवें आदि जानवर और पक्षी नोंच-नोंच कर खा रहे हैं। गौवंशों के शवों को नोंचने से उनमें अब दुर्गन्ध उठने लगी है जो गंगा स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ घाट वासियों को भारी दिक्कतें पैदा कर रही है साथ ही घाट पर प्रदूषण फैलने लगा है।
नगर पंचायत प्रशासन ने गौवंशों के प्रति अपनी संवेदनहीनता की सभी सीमाओं को पार कर दिया है। पंचायत प्रशासन ने गौवंशों की लगातार हो रही मौतों के बारे में न तो पशु चिकित्साधिकारी को बताया है और न ही जिला प्रशासन को अवगत कराया है। घाट वासियों का कहना है कि जल्द ही घाट से मृत गौवंशों के सड़ते हुए शवों को न हटाया गया तो घाट पर गंगा स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं एवं नागरिकों को खासी परेशानी का सबब बन जाएंगे।