सहसवान

नरौरा बैराज से पानी छोड़े जाने पर गंगा में बने बाढ़ जैसे हालात, एसडीएम, सीओ ने किया निरीक्षण

सहसवान। उत्तराखण्ड और नरौरा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। जल स्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हो गए है और गंगा का पानी किनारे के गांवों में  पहुंचने लगा है। बाढ़ के चलते ग्रामीणों ने अपने खेतों में खड़ी मैंथा की फसल को काटना शुरू कर दिया है ताकि वह बड़े नुकसान से बच सकेे। गंगा में बाढ़ जैसे हालत को देखने के लिए आज उपजिलाधिकारी ज्योति शर्मा ने सीओ के साथ गांवों का दौरा किया और ग्रामीणों से बाढ़ की जानकारी ली।
प्रदेश भर में हुई बारिश के चलते गंगा उफान पर है जिसके चलते जीएम बाँध के उसपार बसे गाँव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है बाढ़ का पानी ग्राम परशुराम नगला, खागी नगला, गिरधारी नगला मे घुसना शुरू गया है। कई गांवों में कुछ ही दूरी पर पानी बह रहा है। अभी से गंगा के विकराल रूप को देखते हुए ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है बीते वर्ष गंगा ने विकराल रूप धारण करते हुए ग्राम परोटी को अपने आगोश में ले लिया था जिससे दर्जनों घर जमींदोज हो गये थे तब तहसील प्रशासन ने ग्राम परोटी के करीब छप्पन परिवारों को बाँध के इसपार घरों के लिए जमीन उपलब्ध करा दी थी । प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्राम परोटी के अधिकतर परिवारों ने बांध के इस पार अपने आशियाने बना लिए हैं । फसलों की चिंता को लेकर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें देखी जा सकती हैं । बता दें गंगा का जलस्तर बढ़ने से बांध के उस पार बसे गांव भमरोलिया, परोटी, रज्जू नगला, खागी नगला, गिरधारी नगला, आधा दर्जन से अधिक गाओं बाढ़ के पानी से जलमंगन हो जाते है । शासन के आदेश बाबजूद समय से बजट न मिल पाने की बजह से बाढ़ महकमा कोई ख़ास इंतजाम नही कर पा रहा है । ग्राम धापड़ पर कटान शुरू होने लगा है। रविवार को एसडीएम ज्योती शर्मा और सीओ प्रेम कुमार थापा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और बाढ़ चैकियों का निरीक्षण किया आवश्यक दिशा निर्देश देते बाढ़ की आशंका को देखते हुए बाढ़ चैकियों को अलर्ट कर दिया है । ग्रामीणो को सुरक्षित स्थानो पर पहुंचाने के नावों को तैनात करने के निर्देश दिये गए हैं। गंगा का जल स्तर बढ़ने से धापड घाट पर कटान का खतरा मंडराने लगा है । एसडीएम ज्योती शर्मा और सीओ प्रेम कुमार थापा ने धापड़ घाट पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया और आवश्यक दिशा निर्देश दिये । बांध के आसपास की मेंथा और मक्का की फसलों को ग्रामीण ने दहशत के समय से पूर्व ही काटना शुरू कर दिया गंगा का विकराल रूप देख ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है ।

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