बदायूं। मंगलवार को जिला मुख्यालय पर गुरूकुल महाविद्यालय सूर्यकुंड का 119 वां स्थापना दिवस परम्परागत अनुसार हर्षोल्लास ढंग से मनाया गया।इस अवसर पर विधालय प्रांगण में आयोजित विशाल यज्ञ आयोजन में आचार्यों, आगंतुकों व शिक्षार्थियों ने आहुतियां डाली। स्थापना दिवस के मौके पर सांस्कृतिक प्रस्तुति के बीच वक्ताओं ने गुरूकुल शिक्षा पद्धति का महत्व समझाते हुए इसकी आवश्यकता पर जोर दिया।
स्थापना दिवस कार्यक्रम के तहत सर्वप्रथम विधालय प्रांगण में परम्परागत वैदिक यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य यजमान गुरूकुल के प्राचार्य आचार्य वेदरत्न आर्य के साथ उपस्थित अन्य सम्भ्रांत लोगों ने आहुति दी। इसके उपरांत सांस्क्रतिक आयोजन की श्रंखला में गुरूकुल के छात्र.छात्राओं ने विविध प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा के माद्यम से आगंतुक अतिथियों का स्वस्थ मनोरजन किया गया था ध्इन कार्यक्रमों की अतिथियों ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की ।
स्थापना दिवस आयोजन में सम्बोधन की श्रंखला में महाविद्यालय के अध्यक्ष आचार्य वेदव्रत आर्य ने कहा कि मानसिक शुद्धता और सुसंस्कारो के लिए गुरुकुल शिक्षा अति महत्वपूर्ण है इसकी सार्थकता को देखते हुए ये आवश्यक हैकि हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था वैदिक प्रणाली के अनुरूप होनी चाहिए। इसी प्राचीन शिक्षा पद्धति से ही स्वम् के अलावा समाज व देश का सार्थक विकास संभव है। प्राचार्य वेदरत्न आर्य ने सम्बोधन के दौरान अवगत कराया कि आज जिस हर्षमय वातावरण में हम सब जिस आयोजन के लिए एकत्रित हुए है इस विधालय की स्थापना 22 फरवरी 1903 को स्वामी दर्शनानंद सरस्वती द्वारा रखी गयी थी उनका प्रयास आज सफलता के सोपान तय कर रहा है जिसमे आप सभी जनप्रिय सहयोग भी अति सराहनीय एवं वन्दनीय है। प्रवक्ता वेदवीर आर्य ने संचालन के दौरान इस स्थापना दिवस कार्यक्रम में अपने ओजस्वी विचार व्यक्त किये साथ ही गुरूकुल की परम्परा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम को संबोधित करते पूर्व प्रवक्ता गौरी शंकर शर्मा ने भी अपने संबोधन में गुरुकुल शिक्षा के मतःव और वर्तमान समय में इसकी आवश्यकता वारे में विस्तार से चर्चा की।मंगलवार को आयोजित इस स्थापना दिवस के अवसर पर प्रवक्ता वेदप्रिय आर्य, शकुन गुप्ता, अपर्णा सिंघल, मुकेश सिंह, वेदभानु आर्य, ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस आयोजन में वेदमित्र आर्य,सर्वेश गुप्ता, शिवसिंह, चिम्मन लाल, अंकिता गुप्ता आदि के अलावा अन्य अतिथिगण उपस्थित रहे। स्थापना दिवस आयोजन के समापन से पूर्व प्रसाद स्वरूप भण्डारे का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय परिवार सहित उपस्थित आगंतुकों ने प्रसाद ग्रहण किया।