उझानी(बदायूं)। कोतवाली क्षेत्र के अहिरवारा गांव निवासी एक ग्रामीण लहूलुहान अवस्था में घंटो सीएचसी पर डाक्टर आने का इंतजार करता रहा लेकिन डाक्टर नही पहुंचे अलबत्ता महिला फार्मेसिस्ट ने पहुंच कर घायल का इलाज कर जिला अस्पताल रैफर कर दिया। इससे पूर्व भी उझानी सीएचसी से उसे जिला अस्पताल रैफर किया गया मगर जिला अस्पताल कर्मियों ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया जिससे उसके परिजन वापस अस्पताल ले आए।
गांव अहिरवारा निवासी 38 वर्षीय नीरपाल पुत्र राजपाल सिंह को बीती रात हुए बच्चों के विवाद में नामजद आरोपियों ने सुबह उसके घर के समीप घेर लिया और उसकी जमकर पिटाई लगा दी। इस घटना में नीरपाल का सिर फट गया और वह गंभीर रूप से घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा। बताते हैं कि आरोपियों के भाग जाने के बाद उसकी पत्नी व अन्य परिजन उसे कोतवाली लेकर आए जहां से पुलिस ने उसे इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया।
बताते हैं कि अस्पताल में लाएं जाने के बाद उसकी नाजुक हालत को देखते हुए डाक्टर ने उसे जिला अस्पताल रैफर कर दिया। बताते हैं कि उझानी अस्पताल के डाक्टर के रैफर पर्चे में कोई कमी देख कर जिला अस्पताल कर्मियों ने उसे भर्ती करने से मना दिया जिससे उसकी पत्नी उसे वापस उझानी अस्पताल ले आई। बताते हैं कि दुबारा अस्पताल पर आने के बाद नीरपाल खून से लथपथ लगभग एक घंटे तक इमरजेंसी पर डाक्टर का आने इंतजार करते रहे मगर डाक्टर नही आ सके। बताते हैं कि एक घंटे से अधिक समय तक तड़पने के बाद महिला फार्मेसिस्ट पहुंची तब उसका इलाज करने के साथ पुनः जिला अस्पताल रैफर किया गया। अस्पताल पर मौजूद मरीजों ने बताया कि इमरजेंसी में गंभीर मरीजों को तत्काल इलाज नही मिल पाता है जिससे उसकी जान पर बन आती है। जागरूक नागरिकों ने जिला प्रशासन से लाहपरवाह डाक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।