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आध्यात्मिक चिंतन से होती हैं भावनाएं पवित्रः परमेश्वर

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सहसवान (बदायूं)। अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में न्यू आक्सफोर्ड विद्यालय नाधा में चल रहे 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन श्रद्धालुओं ने वर्तमान समस्याओं के निराकरण सूक्ष्म जगत के परिशोधन और विश्व शांति की कामना के निमित्त यज्ञ भगवान को गायत्री महामंत्र की विशेष आहुतियां समर्पित की। देवकन्याओं और मातृशक्तियों जल का अमिचिंतन कर भव्य आरती की हरीतिमा संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

शांतिकुंज हरिद्वार से आए कथा शिरोमणि परमेश्वर साहू ने कहा कि आध्यात्मिक चिंतन से भावनाऐं पवित्र होती है। यज्ञीय वातावरण से भारत को दिव्य ज्ञान का शांतियांज हरिद्वार से आए कथा शिरोमणि स्त्रोत बनाएं। मर्यादित जीवन से मनुष्य हजारों मनकों में चमकने वाला हीरा बन जाता है। बच्चों को संस्कारित कर उनकी प्रतिभाओं को बहुमूल्य बनाएं। उन्होंने कहा संयम सेवा, स्वाध्याय से संमार्ग और श्रेष्ठ कार्यों से सद्गति मिलती है। युवा व्यसनों से बचकर युग निर्माणी बनें।

सहायक टोली नायक अशोक पटेल ने कहा कि बच्चों को सम्पत्ति नहीं, संस्कारों की जरूरत है। शांतिकुंज हरिद्वार के खुदीराम, जयोम डहेरिया, विनोद निहम ने हमारा है,यह दृढ़ संकल्प, मनुज देवता बनें, बने यह धरती स्वर्ग समान आदि प्रज्ञागीतों का श्रवण कराया। महेश चन्द्र गुप्ता, लक्ष्मी नारायण ने गुरुपूजन, दिनेश चंद्र गुप्ता ने शक्तिकलश का पूजन किया। प्रेमपाल और तेजपाल ने यज्ञशाला की चारों वेदियों, व्यासपीठ, सर्वतो भद्र और प्रज्ञा पुराण कथा पूजन कराया। इस मौके पर लाला राम गुप्ता, दिनेश गुप्ता, पप्पू, पंकज, अनेक सिंह, सुखपाल शर्मा, रघुनाथ सिंह, लक्ष्मी नारायण, प्रेमपाल, रामवीर आदि मौजूद रहे।

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