बिजनौर से एक लाख 675 क्यूसेक और हरिद्वार से 97 हजार 229 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, गंगा में जलस्तर बढ़ने की संभावना
बदायूं। जनपद में पिछले इन दिनों से लगातार हो रही वर्षा के बाद जनपद की नदियों में जलस्तर बढ़ने लगा है। जिसस नदियों के किनारे बसे करीब 2 दर्जन से अधिक ग्रामों में पानी प्रवेश कर रहा है। वही गंगा के जलस्तर में मामूली गिरावट दर्ज की गई है।लेकिन हरिद्वार और बिजनौर का डिस्चार्ज बढ़ने से फिलहाल एक-दो दिन में जलस्तर और बढ़ने की संभावना बनी हुई है। पहाड़ों पर बरसात का क्रम जारी रहता है तो फसलों के नुकसान की आशंका बढ़ जाएगी।
बिजनौर से एक लाख 675 क्यूसेक और हरिद्वार से 97 हजार 229 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे अगले कुछ दिनों में गंगा का जलस्तर और बढ़ने की संभावना बनी हुई है। हालांकि प्रशासन और बाढ़ खंड अभी स्थिति सामान्य बता रहा है। इससे आशंका जताई जा रही है कि अगले दो-तीन दिन में गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। साथ ही जल स्तर के उतार-चढ़ाव से कटान का खतरा भी बन जाएगा।
सहसवान। गंगा में आने वाली बाढ़ के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है और तैयारियां पूरी कर ली हैं। मंगलवार को एसडीएम प्रेमपाल सिंह ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया और अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। एसडीम ने बताया कि तहसील क्षेत्र में मालपुर ततेरा, धापड़, आंतर और औरंगाबाद टप्पा जामनी में चार बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। बाढ़ चौकियों पर राजस्व कर्मचारियों के साथ-साथ पुलिस भी तैनात रहेगी ताकि बाढ़ के दौरान ग्रामीणों को किसी समस्या का सामना ना करना पड़े। इसके साथ ही स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग को भी क्षेत्र में निगरानी कर कैंप करने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीणों के सुरक्षित आवागमन के लिए आठ नावों की व्यवस्था की गई है। मंगलवार को एसडीएम प्रेमपाल सिंह ने गंगा महावा बांध के उस पार बसे गांव परशुराम नगला, भमरौलिया, वीर सहाय नगला, खागी नगला का दौरा किया। एसडीएम ने ग्रामीणों से कहा कि बाढ़ आने पर वह लोग बांध के इस बार के परिषदीय विद्यालयों में शरण ले लें। एसडीएम ने कहा कि बाढ़ के दौरान प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी।